देहरादून: राज्य में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिये विभागीय अधिकारियों को जांच अभियान चलाने के निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे में 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिये कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कैंप कार्यालय में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की बैठक ली। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेशभर में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा।जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में पुलिस प्रशासन के सहयोग से अवैध निजी अस्पतालों, क्लीनिकों एवं जांच केन्द्रों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई अमल में लायी जायेगी, ताकि निजी अस्पतालों की मनमानी व मरीजों के शोषण पर रोक लगाई जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में निजी अस्पतालों और निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित एम्बुलेंस की मनमानी को रोकने के लिये पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा जांच की जायेगी। राज्य में 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिये कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जायेगा। एक्ट में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा की तर्ज पर संशोधन किया जायेगा. जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
धनसिंह रावत ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (नमो) द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में शिथिलता, 50 एवं इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को एक्ट की परिधि से बाहर रखने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत ईटीपी एवं एसटीपी व्यवस्था में छूट,अस्थाई पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट एवं अग्निशमन अधिनियम लागू करने की मांग की गई है। जिनका एक्ट के अंतर्गत शीघ्र समाधान कर दिया जायेगा।