जोशीमठ: जोशीमठ में भू धंसाव ने सोशल मीडिया में सनसनी फैला दी है। जहां एक और लोग हल्द्वानी में बनभूलपुरा में अतिक्रमण के मामले पर जोर शोर से आवाज उठा रहे थे। अब वहीं जोशीमठ में लोगों के साथ ही रही नाइंसाफी के लिए भी आवाजें उठने लगी है। ब
ता दें कि जोशीमठ में जमीन में कई मीटर गहरी दरारें पड़ गईं और 700 से ज्यादा घरों की दिवारें दरक गई हैं। इस आपदा के चलते लोगों के अंदर भय बैठ गया है। कालोनियां और होटल खाली कराए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने पिछले तीन दिनों में लगभग 70 परिवारों को गेस्टहाउस में शिफ्ट कराया है।
गुरुवार को जहां लोगों में प्रशासन के प्रति आक्रोश देखने को मिला। इस दौरान बाजार बंद व चक्काजमा रहा। वहीं प्रशासन की ओर से दस और परिवारों को सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया। इधर, प्रधानमंत्री कार्यालय खुद इस मामले में पल पल की जानकरी ले रहा है। राज्य सरकार के विशेषज्ञों की टीम गठित की है, जो देर शाम तक जोशीमठ पहुंच गई। ये टीम भू धंसाव रोकने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों के संबंध में अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।
खतरा बढ़ता देख जेपी कंपनी ने 50 परिवारों को अपने गेस्ट हाउस में शिफ्ट करा दिया है। भू-धंसाव को लेकर जिला प्रशासन की 6 टीमें घर-घर जाकर सर्वे करते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटी हैं। अभी तक जेपी कॉलोनी के अलावा 34 अन्य परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।