देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना के लिए अपना महान योगदान देने वाले अमर शहीदों एवं वीर आंदोलनकारियों को नमन किया है। उन्होंने इस अवसर पर सैन्य एवं पुलिसबलों, अर्द्धसैन्य बलों, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों का भी विशेष रूप से वंदन किया।महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है।बोले कि गांवों में सड़क, बिजली, पानी, रसोई गैस, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेश, सामाजिक सुरक्षा से जुड़े हर एक क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है। सीमांत गांव हमारे देश के पहले गांव बन गये हैं, इनका इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए केंद्र सरकार ने ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना की शुरुआत की है। सीमावर्ती गांवों में विकास की बहुत सी योजनाएं लागू कर वहां सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों को मजबूत कर, उनको विकसित बनाना इस योजना का लक्ष्य है। यह योजना रिवर्स पलायन के लिए बेहद कारगर साबित होगी।राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महिलाएं हमारे परिवार की सबसे सशक्त सदस्य हैं। आज भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिक व सामाजिक सरंचना की रीढ़ हैं। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। उनके द्वारा बनाए जाने वाले उत्पाद विश्वस्तरीय हैं उन्हें पैकेजिंग और ब्रांडिंग में सहयोग किए जाने की आवश्यकता है। राज्य में स्थानीय उत्पादों पर आधारित महिला उद्यमों को प्रोत्साहन से महिला सशक्तिकरण एवं स्थानीय उत्पादों के संरक्षण का दोहरा लक्ष्य प्राप्त होगा।कहा कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित नए-नए समाधान, डिजिटल और साइबर तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है। एआई और टेक्नोलॉजी के माध्यम से कार्यों को बेहद सुगमता से किया जा सकेगा वहीं यह पारदर्शिता व जवाबदेही के लिए भी आवश्यक हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि नई तकनीकों को अपनाने से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अवस्थापना आदि क्षेत्रों में परिवर्तन की क्रांति आना निश्चित है।उन्होंने कहा कि राज्य के विकास एवं प्रगति में सरकार के साथ ही सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, समाज सेवकों एवं व्यक्तिगत प्रयास भी महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि हम जहां भी हैं, हमारे जो भी कर्तव्य व दायित्व हैं, उनका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करें। राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें और उनका पालन करें। हमारे यही प्रयास उत्तराखण्ड के विकास में और तेजी ला सकते हैं।