देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों और संस्थानों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि कॉलेजों में विद्यार्थियों की सुविधाओं और उनके सर्वांगीण विकास में कोई कोर कसर न रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए और छात्रों का सर्वांगीण विकास एवं शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही हमारा ध्येय वाक्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने क्रियाकलापों में टेक्नोलॉजी का अधिकाधिक उपयोग करते हुए ई-कल्चर लाने का प्रयास करें।
राज्यपाल ने बुधवार को राजभवन में समस्त राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कुलपतियों के अलावा शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा करने, एक-दूसरे से समन्वय हेतु एमओयू करने और उनका प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए। बैठक में सभी कुलपतियों द्वारा ‘‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’’ पर किए जा रहे लघु शोध प्रबन्ध पर अद्यतन प्रगति के बारे में अवगत कराया। गौरतलब है कि राज्यपाल द्वारा सभी विश्वविद्यालय को राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास हेतु एक वर्ष तक अपने गहन शोध के माध्यम से लघु शोध प्रबन्ध प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी विशेषज्ञता के अनुसार अपने शोध के विषय का चयन किया गया है जिसकी रिपोर्ट जनवरी 2025 तक प्रस्तुत की जानी है।
राज्यपाल ने कहा कि यह शोध प्रबन्ध राज्य के आर्थिक व सामाजिक विकास में लाभप्रद होगा और इस पर गंभीरता से कार्य किया जाय। उन्होंने कहा कि शोध प्रबन्ध तैयार होने के उपरांत उसका प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री, संबंधित विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव एवं संबंधित विभाग के सचिव के समक्ष किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कुलपतियों को निर्देश दिए कि राजभवन को प्राप्त अस्थायी सम्बद्धता प्रस्तावों पर विसंगतियों के संबंध में विश्वविद्यालय का अभिमत नितांत जरूरी है इस पर संबंधित विश्वविद्यालय अपने स्पष्ट अभिमत के साथ प्रकरणों को अग्रसारित करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सम्बद्धता के उन्हीं प्रकरणों को राजभवन प्रेषित करें जो मानको में पूर्ण हों।इस बैठक में तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा सभी राज्य विश्वविद्यालयों के लिए तैयार किए जा रहे डैशबोर्ड के संबंध में भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि एक कॉमन डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है जिसमें सभी विश्वविद्यालयों के पास अपनी आधारभूत सुविधाओं, प्रवेश, एमओयू, बेस्ट प्रैक्टिसेज, कार्यक्रमों, विषय-विशेषज्ञों, सूचनाओं, शोध और विकास को आपस में और राजभवन के साथ ऑनलाइन माध्यम से जुड़ने की सुविधा होगी। पूर्व में यह मोबाइल एप के रूप में उपलब्ध था जिसे अतिरिक्त सुविधाओं को जोड़ते हुए डैशबोर्ड के रूप में तैयार किया जा रहा है। बैठक में कुलपतियों ने विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित उपलब्धियों और नवाचारों के बारे में अवगत कराया।
बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी राज्यपाल अमित कुमार सिरोही, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सुरेन्द्र नारायण पाण्डे, दीपक कुमार, अपर सचिव डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, नमामी बंसल, कुलपति उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय डॉ. ओ.पी.एस नेगी, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रो. एन के. जोशी, कुलपति जी.बी.पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय डॉ. मनमोहन सिंह चैहान, कुलपति तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी, कुलपति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रो. दीवान एस रावत, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय डॉ. परविंदर कौशल और कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।