राज्यपाल गुरमीत सिंह ने की विभिन्न संगठनों के साथ बैठक

हरिद्वार: उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह शुक्रवार को हरिद्वार पहुंचे। डामकोठी पहुंचने पर उन्होंने सर्वप्रथम आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ बैठक की। राज्यपाल ने कोविड के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के योगदान की सराहना की।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे राष्ट्र की शक्ति आंगन में है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए मैंने काफी करीब से देखा है तथा महिलाओं का हमारे समाज में काफी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी के क्षेत्र में और क्या-क्या किया जा सकता है, कार्य करने में क्या-क्या चुनौतियां हैं, आदि के सम्बन्ध में अपने सुझाव प्रस्तुत करें तथा इसकी और बेहतरी के लिए कदम उठाये जा सकें तथा आपकी जो भी मदद होगी, वह की जायेगी।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के दौरान आशा कार्यकर्त्रियों ने जिस तरह निःस्वार्थ भाव से, अपने जीवन की परवाह किये बगैर इंसानियत की सेवा की है, वह सराहनीय है। राज्यपाल को आशा कार्यकर्त्रियों ने अपने कार्य क्षेत्र के अनुभव व समस्याओं से रूबरू कराया।

राज्यपाल ने संभ्रान्त नागरिकों से भी मुलाकात की तथा उनकी कुशल क्षेम पूछने के साथ ही समाज की बेहतरी के लिए सुझाव देने का अनुरोध किया। इसके बाद राज्यपाल से पूर्व सैनिकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि किसी फौजी का फौजी से मिलने का एक अलग ही एहसास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक परिवार का एक सदस्य सेना में है। कभी-कभी हमें खुद मालूम नहीें होता है कि हममें क्या काबिलियत है। इसलिए अपने काबिलियत को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों-आर्गनिक खेती, डेयरी उद्योग आदि में आपके नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई अन्य क्षेत्र आपके नेतृत्व का इंतजार कर रहे हैं, जरूरत उसे पहचानने की है। इससे पहाड़ों से हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी।

बैठक में पूर्व सैनिकों ने राज्यपाल को पूर्व सैनिकों की समस्या तथा उनके निदान के सम्बन्ध में अपने सुझाव भी प्रस्तुत किये। राज्यपाल ने कहा कि आपकी समस्या मेरी समस्या है तथा उसका कोई न कोई समाधान अवश्य निकलेगा। राज्यपाल ने तत्पश्चात राष्ट्रीय आजीविका योजना के तहत डामकोठी परिसर में स्वयंसेवी समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी को भी देखा तथा स्वयं सेवी समूहों द्वारा निर्मित वस्तुओं की प्रशंसा की। इस अवसर पर सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।