शिमला: हिमाचल प्रदेश के दिग्गज राजनेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया, जो पहले दो बार कांग्रेस छोड़ चुके हैं, राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि कुछ दिनों पहले उन्होंने ‘गंदी राजनीति’ से दूर रहने के लिए सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
राज्य में चुनाव 12 नवंबर को है। दो बार मंत्री रहे मनकोटिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और कांग्रेस से भाजपा में आए हर्ष महाजन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। साल 2012 में वह तीसरी बार कांग्रेस में शामिल हुए थे।
हर्ष महाजन हाल ही में बिलासपुर में नड्डा के आवास पर एक समारोह में भगवा पार्टी में शामिल हुए थे। मनकोटिया लगातार चार चुनाव जीते थे। एक बार वह निर्दलीय के रूप में भी जीते। जुलाई 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जब आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिर गए, तब उन्हें पद से हटाने की मांग उठाने के कारण मनकोटिया को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। उस समय मनकोटिया ने कहा था कि सब कुछ सार्वजनिक डोमेन में था कि कैसे केंद्रीय जांच ब्यूरो ने राज्य के उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वत के मामले में और मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ उसके कथित संबंधों को पकड़ा था।
साल 2012 में शाहपुर से अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी सरवीन चौधरी से विधानसभा चुनाव हारने के बाद मनकोटिया को 2014 में मुख्यमंत्री ने पर्यटन बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। कांगड़ा के असंतुष्ट पूर्व विधायक जुलाई 2007 में बसपा में शामिल हुए थे। उन्हें राज्य के नेताओं और पार्टी आलाकमान की आलोचना करने के लिए कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था।
उन्होंने वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा और एक पूर्व नौकरशाह के बीच मौद्रिक लेन-देन की टेलीफोन पर बातचीत की एक बहुप्रचारित ऑडियो सीडी जारी की थी। उन्होंने राज्य के भ्रष्ट नौकरशाहों और राजनेताओं की सूची भी जारी की थी, खासकर उन लोगों की, जो वीरभद्र सिंह के करीबी थे।