समग्र आर्थिक विकास के लिए वित्तीय और कर संबंधी जानकारियां होना जरूरी: राज्यपाल

देहरादून: मंगलवार को राजभवन में वित्तीय एवं कर साक्षरता पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के सहयोग से आयोजित इस सेमिनार में सीए अभिजीत कोलापकर ने उपस्थित लोगों को वित्तीय प्रबंधन और कराधान संबंधित जानकारियां दीं। इस दौरान उन्होंने बैंकिंग प्रणाली और सरकार की ऋण योजनाओं, वित्तीय संकट और इससे निपटने के तरीके, धन प्रबंधन, सेवानिवृत्ति और उत्तराधिकार योजना, बचत और निवेश आदि के बारे में जानकारियां साझा की। सेमिनार में प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि वित्तीय साक्षरता केवल व्यक्तिगत समृद्धि के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र आर्थिक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए नागरिकों का वित्तीय और कर संबंधी समझ और ज्ञान होना जरूरी है। हम सभी का यह दायित्व है कि हम स्वयं वित्तीय और कर साक्षरता को अपनाएं और साथ ही अपने परिवार, मित्रों और समाज में इसे प्रोत्साहित करें। आज का यह सेमिनार इसी उद्देश्य से आयोजित किया गया।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में अभी भी बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जिन्हें वित्तीय प्रबंधन, निवेश, बचत, और कराधान की जानकारी का अभाव है। इस कारण वे अपनी आय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन नहीं कर पाते और न ही वे अपने भविष्य के लिए उचित योजना बना पाते हैं। हमें अधिक से अधिक लोगों को वित्तीय साक्षरता की जानकारी देनी होगी। राज्यपाल ने आईसीएआई से कहा कि वे लोगों को इसके लिए जागरूक और उनकी समझ विकसित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों से अच्छी आमदनी कर रहें हैं उन्हें भी इस तरह के प्रशिक्षण और जागरूक करने के प्रयास किए जांए। उन्होंने आईसीएआई से प्रदेश में चल रहे स्टार्टअप, नए उद्यमियों और युवाओं को भी वित्तीय और कर संबंधित जानकारी प्रदान करने का आह्वान किया। सेमिनार में आईसीएआई के अध्यक्ष सीए रंजीत कुमार अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, अपर सचिव स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक डाक सेवाएं, उत्तराखण्ड सर्कल अनुसूया प्रसाद चमोला, आईसीएआई उत्तराखण्ड की अध्यक्ष सीए तेजिन्दर कौर, सीए सुशील कुमार गोयल सहित राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी और कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।