निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने पर उद्यमियों को मिलेगी छूट

लखनऊ: प्रदेश में निजी औद्योगिक पार्क विकसित करने पर उद्यमियों को छूट मिलेगी। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। 

इसमें निजी औद्योगिक पार्कों के भू-खंडों के आवंटन, संचालन व मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव का सम्पूर्ण दायित्व निजी विकासकर्ता का होगा। योजना के अन्तर्गत निजी विकासकर्ताओं को 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भूमि के स्वामित्व के कागजात व आगणन समेत जिला उद्योग व उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को उपलब्ध कराया जाएगा।  कुल विकसित भूमि में से 75 प्रतिशत भू-खण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों के लिए आरक्षित रखा जायेगा।

योजना के अन्तर्गत 2500 करोड़ रुपये के रिवॉल्विंग फंड का ‘कारपस’ बनाया जायेगा, जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 300 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान है। इस योजना के अन्तर्गत 10 एकड़ से लेकर 50 एकड़ भूमि पर एमएसएमई पार्क विकसित करने वाले विकासकर्ताओं को जिला कलेक्टर रेट पर भूमि के मूल्य का 90 प्रतिशत या औद्योगिक पार्क को विकसित करने के लिए आवश्यक धनराशि में से जो भी कम हो, एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराई जाएगी।

शेष पूंजी की व्यवस्था निजी विकासकर्ताओं द्वारा स्वयं के स्रोतों से या बैंक से ऋण लेकर करनी होगी। औद्योगिक पार्क के आंतरिक विकास की लागत की गणना अधिकतम 50 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से की जायेगी। विकासकर्ता को भूमि की खरीद पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क पर 100 प्रतिशत की छूट व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2022 में उल्लिखित पर्यावरणीय अनुकूल अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए दी जाने वाली सहायता के अतिरिक्त अन्य कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी।