शिमला: विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग की ओर से चुनाव आयोग ने 7881 पोलिंग स्टेशन स्थापित कर दिए है। इन पोलिंग स्टेशन में से कई पोलिंग स्टेशन ऐसे भी है, जहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को कई किलोमीटर का लंबा सफर पैदल तय करना पड़ता है। सबसे दुर्गम पोलिंग स्टेशन चंबा का चस्क भटोरी पोलिंग स्टेशन है। यहां तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी में बहुत 14 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है।
यह पोलिंग स्टेशन भरमौर विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है। यहां तक पहुंचने के लिए पैदल चलने के अलावा कोई अन्य विकल्प उपलब्ध नहीं है। इसी तरह शिमला जिला के रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के 123-पंडार मतदान केंद्र पर पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को सात किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। इसके अलावा कांगड़ा जिला में सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र शाहपुर विधानसभा का 23-मांच है जहां पोलिंग पार्टी को सात किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। कुल्लू का 129-रसोल और बंजार का 58-शाकटी दूरस्थ मतदान केंद्र हैं जहां पोलिंग पार्टियों को दस किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। मंडी जिला में सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र का 93-मंझागण दूरस्थ मतदान केंद्र है जहां पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टी को दस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है।
शिलाई विधानसभा क्षेत्र के 36-बोबड़ी मतदान केंद्र तक पोलिंग पार्टी को पहुंचने के लिए पांच किलोमीटर का पैदल मार्ग तय करना पड़ता है। निर्वाचन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा कुल 7881 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन मतदान केंद्रों में 7235 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जबकि 646 शहरी मतदान केंद्रों की संख्या 646 हैं।
सबसे अधिक 1625 मतदान केंद्र कांगड़ा जिला में हैं जबकि सबसे कम 92 लाहुल-स्पीति जिला में हैं। राज्य में तीन सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें धर्मशाला का 66(क) सिद्धबाड़ी, बैजनाथ का 99(क) बड़ाभंगाल तथा कसौली का 99(क) ढिल्लों शामिल हैं। कांगड़ा जिला के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिद्धबाड़ी मतदान केंद्र में सर्वाधिक 1511 मतदाता हैं जबकि किन्नौर जिला के 6-का मतदान केंद्र में न्यूनतम 16 मतदाता हैं। राज्य में ऐसे दूरस्थ मतदान केंद्र भी हैं जहां पहुंचने के लिए पांच से अधिकतम 14 किलोमीटर का सफर पैदल करना पड़ता है।