शिमला: हिमाचल के मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, फंसे हुए 290 लोगों को निकालने के लिए लाहौल व स्पीति जिले में चंद्रताल पहुंच गए हैं। राज्य में 1020 मार्ग अब भी बाधित हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। चंद्रताल में शनिवार से करीब 300 लोग फंसे हुए हैं जिनमें से अधिकतर पर्यटक हैं।
मंगलवार को दो बुजुर्गों तथा एक लड़की सहित सात बीमार लोगों को वहां से हवाई मार्ग से निकाल कर भुंतर पहुंचाया गया था। लाहौल व स्पीति के उपायुक्त राहुल कुंवर ने कहा, ‘‘ राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी बुधवार देर रात करीब दो बजे चंद्रताल पहुंचे। फंसे हुए पर्यटकों का पहला जत्था सुबह करीब आठ बजे चंद्रताल से चला और कुंजुम पास पहुंचा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पर्यटकों को काजा ले जाने से पहले लोसर में भोजन तथा दवाइयां दी गईं।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक (एसपी) बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि नेगी को चंद्रताल पहुंचने में करीब 18 घंटे लगे क्योंकि सड़क बचाव दल को कुंजुम दर्रे से चंद्रताल तक तीन से चार फुट बर्फ से ढके मार्ग को साफ करने के लिए संघर्ष करना पड़ा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को लोसर, चंद्रताल, सिर्रू और मनाली का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने चंद्रताल से लोगों को निकालने के कार्य को ‘‘चुनौतीपूर्ण’’ बताया। उन्होंने आदिवासी किन्नौर जिले से ताल्लुक रखने वाले राजस्व मंत्री को चंद्रताल में बचाव प्रयासों में सहायता करने का काम सौंपा है। इसी क्षेत्र से होने के कारण वह यहां के दुर्गम इलाकों से परिचित हैं।
राज्य सरकार के मुताबिक, इस पहाड़ी राज्य से अभी तक 60,000 पर्यटकों को निकाला जा चुका है। कुल्लू और मनाली में फंसे 25,000 पर्यटकों सहित हजारों पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन सैकड़ों लोग अभी भी फंसे हुए हैं क्योंकि भूस्खलन और बाढ़ के कारण कई सड़कें अब भी बंद हैं।
कार्यवाहक डीजीपी सतवंत अटवाल ने बुधवार रात को ट्वीट किया, “किन्नौर जिले के सांगला, छितकुल और रक्षम में विदेशियों सहित 95 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया और सांगला में बाढ़ से प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से स्कूलों, गेस्ट हाउस और होटलों में आश्रय दिया गया है।”