जोशीमठ (एएनआई): चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने गुरुवार को भू-धंसाव के कारण पलायन कर रहे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए बनाए जा रहे पूर्वनिर्मित आश्रयों का स्थलीय निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने कार्यकारिणी को फास्ट ट्रैक कर जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करने का भी निर्देश दिया. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी पुनर्वास, प्री-फैब्रिकेटेड शेल्टर का काम शुरू कर दिया गया है। यह चमोली के ढाक गांव में वन बीएचके, टू बीएचके और थ्री बीएचके मॉडल के प्रीफैब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण कर रहा है।
सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि चमोली के ढाक गांव में वन बीएचके, टू बीएचके एवं थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफैब्रिकेटेड शेल्टर के निर्माण हेतु भूमि का चयन कर भूमि समतलीकरण, बिजली, पानी की व्यवस्था का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. भराड़ीसैंण विधान सभा के छात्रावासों में विस्थापित परिवारों के आवास की व्यवस्था की आवश्यकता पड़ने पर विकल्प खुला रखा गया है। सिन्हा ने कहा कि जोशीमठ में 261 प्रभावित परिवारों को अंतरिम राहत के रूप में 3.45 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. इससे पहले 28 जनवरी को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने जानकारी दी थी कि दरार वाले भवनों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है और आपदा के कारण अब तक 863 भवनों में दरारें देखी गई हैं। (एएनआई)