देहरादूनः उत्तराखंड में अतिक्रमण कर बन रही मजारों को लेकर प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। सरकार ने ऐसे अतिक्रमणों को खुद ही हटाने की चेतावनी जारी की है। जिसके बाद प्रशासन की और से कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है राज्य सरकार की और से कराए गए सर्वे में ये बात सामने आई है कि जंगल की भूमि पर कब्जा कर एक हजार से ज्यादा मजारें बनाई गई है।
पिछले वर्ष अप्रैल में राज्य सरकार के सम्मुख एक बार आई कि तराई और भाबर क्षेत्र के जंगलों में पिछले 15-20 वर्षों में इस तरह के अतिक्रमण की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके बाद सरकार ने जून में वन विभाग को सर्वे कराकर राज्य के जंगलों में स्थित धार्मिक स्थलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी। जिसमें वन क्षेत्रों में इस तरह की बात सामने आई कि जंगल में इस तरह मजारें बनाई गई है।जो कि देवभूमि कही जाने वाली उत्तराखंड में बढ़ने से सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। लगभग एक हजार स्थानों पर अतिक्रमण प्रारंभिक सर्वे में यह बात सामने आई है कि जंगलों में लगभग एक हजार स्थानों पर अतिक्रमण हैं और इसमें कार्रवाई चल रही है। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी खुद इस बात का जिक्र कर साफ किया हैकि ऐसे अतिक्रमणों को हटाने के लिए समय दिया जा रहा है। इसके बाद सरकार अपने स्तर से कार्रवाई करेगी। सीएम ने चेतावनी दी कि प्रदेश में सरकारी जमीन पर जहां भी अवैध मजारें हैं, उन्हें स्वतः हटा लिया जाए।
प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा प्रदेश में कहीं अतिक्रमण होने देंगे। बताया गया है कि जब इन मजरों को खोदा गया तो वहां किसी तरह के अवशेष नहीं मिले। उन्होंने कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं है, पर जमीन पर जबरन कब्जा भी नहीं होने देंगे। कहीं पर भी अतिक्रमण को आगे नहीं बढ़ने देंगे। सीएम ने कहा है कि कई जगहों पर जनसंख्या में असंतुलन हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा।