उत्तरकाशी: उत्तराखंड में यमुनोत्री धाम जा रहे मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं की एक बस रविवार शाम को उत्तरकाशी जिले में डायटा के पास अनियंत्रित होकर करीब 400 फीट गहरी खाई में जा गिरी। बताया जा रहा है कि बस में चालक और एक सहयोगी समेत 30 लोग सवार थे। इस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दो लोग अभी लापता है। उनकी तलाश में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने हादसे की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को 50-50 रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने की बात की है।
सभी यात्री मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के बताए जा रहे हैं। ये सभी यात्री उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा पर निकले थे। इनकी यात्रा आज ही शुरू हुई थी और पहले दिन ये यमुनोत्री दर्शन के लिए जा रहे थे। हादसे को लेकर बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी जिले डायटा के पास बस अनियंत्रित होकर पहले एक पेड़ से टकराई और फिर उसे तोड़ते हुए 400 फीट गहरी खाई में जा गिरी।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, फायर सर्विस की टीमें मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। मौके पर मौजूद बड़कोट की एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि खाई से अब तक 22 शवों को निकाला जा चुका है। इसके अलावा छह घायलों को भी निकालकर अस्पताल भेजा गया है। घायलों की हालत गंभीर बताई गई है।
बस में 28 यात्री सवार थे। उनके नाम इस प्रकार हैं- राजकुमार (38), राजकुंवर (58), मेनका प्रसाद (56), सरोज (54), बद्री प्रसाद (63), करन सिंह (62), उदय सिंह (63), हक्कीराजा (60), चरनकली (61), मोतीलाल (62), बलदेव (77), कुसुमबाई (77), अनील कुमारी (50), करन बिहारी (69), प्रभा बाई (63), शकुंतला बाई (60), पार्वती बाई (62), शीलाबाई (61), विश्वकांत (39), चंद्रकला बाई (57), कंछेदीलाल (62), राजाबाई (59), धनीराम (72), कर्णबाई (57), विन्द्रावन (61), कमला बाई (59), रामसखी बाई (63), गीताबाई (55) सभी मप्र के पन्ना जिले के रहने वाले थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘उत्तराखंड में चारधाम की तीर्थयात्रा पर यमुनोत्री धाम जा रही बस के खाई में गिरने से मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के तीर्थयात्रियों की मृत्यु बेहद दुखद, पीड़ाजनक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिजनों को गहन दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ।।ॐ शांति।।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि मैं और मेरी टीम उत्तराखंड सरकार एवं स्थानीय जिला प्रशासन के सतत संपर्क में है। घायलों के इलाज और मृतकों के शव को मध्यप्रदेश लाने की व्यवस्था की जा रही है। दुःख की इस घड़ी में परिवार स्वयं को अकेला ना समझे, हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये सहायता राशि प्रदान करने के संवेदनशील निर्णय के लिए आभार व्यक्त करता हूं। दुःख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ खड़े हैं। ईश्वर आपको संबल प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि मैंने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी जी से फोन पर चर्चा कर घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और उनके समुचित इलाज की व्यवस्था के लिए आग्रह किया है। मैंने पूरी घटना के रेस्क्यू के संबंध में जानकारी ली और सतत संपर्क में हूं। मैं मुख्यमंत्री धामी जी से निरंतर चर्चा में हूं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी जी के निर्देश पर कलेक्टर, एसपी सहित एसडीआरएफ भी मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव लगातार उत्तराखंड के मुख्य सचिव के संपर्क में हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी एक टीम दिल्ली से उत्तराखंड के लिए रवाना हुई है, जो राहत, बचाव, इलाज के अलावा मृतक श्रद्धालुओं के शव परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता राहत राशि दी जाएगी। घायलों का उपचार हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उत्तराखंड में जब इतना बड़ा हादसा हुआ है, तो मुझे नींद आ ही नहीं सकती। मैं तुरंत देहरादून के लिए रवाना हो रहा हूं। मेरे साथ मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, डीजीपी, गृह सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों का दल भी जा रहा है। जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है, हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।