शिमला: राजधानी शिमला के कोटशेरा कॉलेज में मंगलवार को स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से अंगदान के विषय में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ अनुपमा गर्ग ने शपथ पत्र भरकर अंगदान करने का प्रण लिया। सोटो के नोडल अधिकारी व आईजीएमसी के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ पुनीत महाजन ने छात्रों को अंगदान की महत्वता के बारे में अवगत करवाया।
उन्होंने बताया कि लोग मृत्यु के बाद भी अपने अंगदान करके जरूरतमंद का जीवन बचा सकते हैं। ब्रेन डेड होने पर अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में अंगदान की कमी के कारण लाखों लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं । रोजाना हजारों लोग सड़क दुर्घटना के कारण मर जाते हैं , इनमें से कई लोग ब्रेन डेड होते हैं और अंगदान करने के लिए सक्षम होते हैं लेकिन सही जानकारी ना होने की वजह से अंग दान नहीं हो पाता । वहीं दूसरी ओर देश में हर साल करीब दो लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि बदलती जीवन शैली के चलते ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय की बीमारी, ब्रेन स्ट्रोक व फेफड़े की बीमारियां बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से किडनी हॉर्ट और लीवर बड़ी संख्या में फेल हो रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि कई बार मरीज के तीमारदारों में भ्रम होता है कि अंगदान करवाने के चलते डॉक्टर उनके मरीज को ठीक करने की कोशिश नहीं करेंगे जबकि यह धारणा बिल्कुल गलत है।