देहरादून: उत्तराखंड कैबिनेट ने इस साल की शुरुआत में भूमि डूब आपदा से प्रभावित जोशीमठ के लोगों के लिए पुनर्वास नीति को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में मुआवजे की नीति प्रस्तावित की। जोशीमठ के बारे में, आवासीय भवनों की दरों की गणना सीपीडब्ल्यूडी के प्लिंथ एरिया दरों के आधार पर की जाएगी। मंत्रिपरिषद ने यह भी फैसला किया कि कई तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट के बाद मुआवजे की दरें तय की जाएंगी। आवासीय भवनों की दरों की गणना सीपीडब्ल्यूडी के प्लिंथ क्षेत्र दरों के आधार पर की जाएगी। आगामी भवन की लागत से प्रभावित भवन के मूल्यह्रास की राशि को घटाने के बाद शेष राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
भवनों, दुकानों व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों (होटल, ढाबा व अन्य) का मुआवजा निर्धारित करने के लिए पांच स्लैब निर्धारित हैं। निर्धारित डैमेज स्लैब के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। यह भी प्रावधान किया गया है कि मुआवजे से असंतुष्ट प्रभावित व्यक्ति अपर जिलाधिकारी चमोली की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है। सरकार ने आवासीय और वाणिज्यिक दोनों श्रेणियों में तीन विकल्प देते हुए जोशीमठ भूमि जलमग्न से प्रभावित लोगों के लिए मुआवजा और पुनर्वास नीति को मंजूरी दी है। आपदा प्रभावित आवासीय और व्यावसायिक भू-भवन के मालिक इनमें से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं।