ऋषिकेश: भाई-बहन के बीच अटूट प्यार का पर्व भैया दूज जिले भी में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान बहनों ने अपने भाइयाें के माथे पर तिलक कर उसकी कलाई पर कलावा बांधा और उसकी पूजा कर, मीठा मुंह करते हुए नारियल भेंट कर दीर्घायु होने की कामना की। इसके बदले में भाई ने अपनी बहन को सामर्थ्य अनुसार उपहार भी भेंट किए।
इस पर्व पर बस अड्डे पर अपने भाइयों तक पहुंचने के लिए बहनों की बस पकड़ने के लिए लंबी कतारें देखी गईं। गुरुवार की सुबह से ही प्रारंभ हुए भाई दूज पर्व पर बहनोंं ने भाई के माथे पर तिलक किया और उनके दीर्घायु होने की कामना की।
मान्यता है कि सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की दो संतान थीं। यमराज और जमुना दोनों में बहुत प्रेम था। बहन यमुना चाहती थी कि यमराज उसके घर भोजन करने आएं लेकिन भाई यमराज अक्सर उनकी बात को टाल देते थे। एक बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दोपहर में यमराज यमुना के घर पहुंचे। यमुना अपने घर के दरवाजे पर भाई को देखकर बहुत खुश हुईं। इसके बाद यमुना ने भाई यमराज को प्रेम पूर्वक भोजन करवाया।
बहन के आतिथ्य को देखकर यम देव ने उसे वरदान मांगने को कहा, जिस पर यमुना ने भाई यमराज से बहन ने वचन मांगा कि वह हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि पर भोजन करने आएं। उस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया और कहा कि अब से यही होगा। तबसे भैयादूज की परंपरा चली आ रही है। इस तरह से बहनें श्रद्धापूर्वक भाई की पूजा कर उसकी दीर्घायु होने की कामना करती हैं।
आज भैया दूज के चलते अपने भाइयों तक पहुंचने के आईएसबीटी पर बसों की सीट के लिए खूब मारामारी देखी गई। हालांकि रोडवेज प्रशासन ने दिल्ली और देहरादून मार्ग पर अतिरिक्त बसें लगाई थीं। इसके बावजूद भी बसों में काफी भीड़ रही। रोडवेज डिपो के केंद्र प्रभारी ललित भाटी ने बताया कि भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं लेकिन दिवाली मनाने के बाद काम पर लौटने वाले लोगों की भी भीड़ बढ़ी है पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाली बसें फुल होकर आ रही हैं जिसके चलते अभी दो-तीन दिन बसों में यात्रियों की भारी भीड़ रहेगी।