टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए बनें ‘निक्षय मित्र’: सीएमओ

धर्मशाला: मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. गुरुदर्शन गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी), एक मिशन मोड में 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टीबी उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसी कड़ी में सामुदायिक सहायता कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत टीबी रोगियों को किसी व्यक्ति, किसी प्रतिनिधियों या संस्थानों द्वारा गोद लिया जा सकता है और गोद लिए रोगियों की देखभाल की जाएगी।

उन्होंने बताया कि नौ सितंबर को शुरू किए गए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत देश में 1.78 लाख से अधिक तपेदिक रोगियों को गोद लिया गया है। जिला कांगड़ा में वर्तमान में इलाज करा रहे 80 प्रतिशत से अधिक टीबी रोगियों ने इस अभियान के तहत गोद लेने के लिए अपनी सहमति दी है। टीबी हमारे देश में सभी संक्रामक बीमारियों में मृत्यु का प्रमुख कारण है, इसलिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को उच्च प्राथमिकता देना तथा इस अभियान को जन-आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है।

उन्होंने बताया कि मरीजों की देखभाल के लिए आगे आने वाले लोगों और संस्थानों को ‘निक्षय मित्र’ कहा जाएगा। वे किसी गांव, शहर, वार्ड, या यहां तक कि एक रोगी को भी गोद ले सकते हैं और उन्हें ठीक होने में मदद करने के लिए पोषण और इलाज में सहायता प्रदान कर सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन मार्च 2018 में दिल्ली एंड टीबी समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। विश्व के कुल टीबी मरीजों में 25 प्रतिशत से अधिक भारत में हंै जोकि चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि टीबी रोग से ग्रसित अधिकतर लोग समाज के गरीब वर्ग के हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आरके सूद ने बताया कि वेब पोर्टल टीबी का इलाज कर रहे रोगियों को विभिन्न प्रकार की सहायता करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसके तहत पोषण, अतिरिक्त निदान, अतिरिक्त पोषक तत्वों की खुराक और व्यावसायिक सहायता शामिल है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में निर्वाचित प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों से लेकर कारपोरेट, गैर सरकारी संगठनों, संस्थानों और व्यक्तियों को आगे आने के लिए आह्वान किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनभागीदारी को बढ़ाना है