बागेश्वर: भाजपा के माथे में चिंता की लकीरें तो कांग्रेस उत्साहित

बागेश्वर: उपचुनाव संपन्न होते ही अब नगर पालिका चुनाव के लिए भाजपा व कांग्रेस के रणनीतिकारों ने योजना पर काम करना प्रारंभ कर दिया है। उपचुनाव में नगर में हार का सामना करने वाली भाजपा के माथे में नगर पालिका चुनाव को लेकर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं तो कांग्रेस इससे उत्साहित है। बताया जा रहा है कि पालिका की सीट आरक्षित होगी या सामान्य इस पर सबकी नजर है। इसके लिए आंकड़े भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं तथा नगर पालिकाध्यक्ष पद पर काबिज होने के सपने देख रहे हैं।

 नगर पालिका बोर्ड का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है। यदि चुनाव समय पर हुए तो नवंबर प्रथम सप्ताह में इसकी घोशणा हो सकती है। जिसको देखते हुए राजनीतिक दलों के रणनीतिकार इसकी तैयारी में जुट गए हैं। गत सप्ताह हुए उपचुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो नगर में भाजपा कांग्रेस से काफी पीछे रही है। इस उपचुनाव में भाजपा ने ग्रामीण व गरूड़ मंडल से ही जीत दर्ज की है। नगर में भाजपा के प्रत्याषी को कांग्रेस के प्रत्याषी ने 1487 मतों से पराजित किया है। भाजपा प्रत्याषी पार्वती दास भी अपने बूथ से पीछे रही। मतदाताओं के उपचुनाव में इस रूख से भाजपा नेताओं के लिए परेषानी हो गई है तथा इसकी सिकन उनके माथों पर नजर आ रही है। 

भाजपा के नेता मान रहे हैं यदि गरूड़ व ग्रामीण मंडल के मतदाताओं ने साथ नहीं दिया होता तो उनके लिए विधानसभा सीट मुश्किल हो सकती थी। इसके लिए कारण भी ढूंढे जा रहे हैं। नगर के मतदाताओं के इस फैसले ने पालिका चुनाव को लेकर भाजपा के अंदर बैचेनी बढ़ा दी है जबकि कांग्रेस इससे काफी उत्साहित है तथा वह जीत का अंतर बनाने के लिए योजना बना रही है। कांग्रेस का मानना है कि नगर में कांग्रेस का अधिक मत प्राप्त करना भाजपा का गिरता जनाधार व कांग्रेस के प्रति लोगों का विष्वास दिखाता है। ऐसे में यदि कांग्रेस जरा भी योजना से काम करे तो उसे नगर पालिकाध्यक्ष पद पर सफलता मिल सकती है।