उत्तराखंड; लंपी रोग की रोकथाम व बचाव के लिए सरकार ने मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। रोग से ग्रसित पशुओं के इलाज के लिए 80 अतिरिक्त पशु प्रसार अधिकारियों की तैनाती की जा रही है। प्रदेश में रोग से पशुओं की मृत्यु दर 1.6 प्रतिशत और ठीक होने की दर 40 प्रतिशत है। 26 सितंबर से प्रदेश में रोग से पशुओं को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार को पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विधानसभा स्थित सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर लंपी रोकथाम की समीक्षा की। बैठक के बाद प्रेसवार्ता में विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 20 हजार 505 पशु लंपी बीमारी से ग्रसित पाए गए। इसमें देहरादून व हरिद्वार जिले के 17500 मामले हैं। इलाज के बाद 8028 पशु स्वस्थ हुए हैं। जबकि 341 पशुओं की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लंपी रोग की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कि गए हैं। पशुपालन विभाग के पास 6 लाख गोटपॉक्स टीके उपलब्ध हैं। 5.80 लाख टीके जिलों में वितरित किए गए हैं। चार लाख टीकों की आर्डर केंद्र को भेजा गया है।
उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि पशुओं का बीमा अवश्य कराएं, ताकि पशु की मौत होने पर उचित मुआवजा मिल सके। पशुपालकों की सुविधा के लिए सरकार की ओर से टोल फ्री नंबर 18001208862 किया गया। इस पर लंपी रोग के संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अलावा लंपी रोग ग्रस्त क्षेत्रों से पशुओं के व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस मौके पर सचिव पशुपालन, डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम मौजूद थे।