देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की विशेष जांच टीम का दावा है कि वह वीआईपी तक पहुंच गई है, जिसके लिए वंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी पर विशेष सेवाएं प्रदान करने का दबाव डाला गया था। 19 वर्षीय अंकिता का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। उसके अचानक गायब होने और हत्या के कारण पूरे देश में कड़ी प्रतिक्रिया हुई थी। उन्होंने भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य द्वारा संचालित एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम किया। अधिकारियों को उसका शव मिलने से पहले कम से कम छह दिनों तक अंकिता के लापता होने की सूचना दी गई थी। पुलकित आर्य समेत तीन आरोपी जेल में हैं।
हालांकि पुलिस ने वीआईपी का नाम बताने से इंकार कर दिया है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि कोटद्वार की एक अदालत में पुलिस द्वारा दायर 500 पन्नों की चार्जशीट से पता चला है कि जांचकर्ता वीआईपी अतिथि के संपर्क में कैसे आए। सूत्रों ने कहा कि “अतिथि” पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं। सूत्रों ने बताया कि एसआईटी की चार्जशीट में तीन पन्नों में मेहमान का बयान दर्ज किया गया है, जिससे रिसॉर्ट में चल रही संदिग्ध गतिविधियों का भी खुलासा हुआ है।
एसआईटी ने जांच के दौरान रिसॉर्ट में ठहरे करीब 50 लोगों से पूछताछ की। अंकिता ने अपनी दोस्त पुष्पा को बताया था कि एक हफ्ते पहले रिजॉर्ट के एक मेहमान ने उन्हें गले लगाया था। सूत्रों के मुताबिक, मेहमान ने एसआईटी को बताया है कि पुलकित ने विशेष सेवाओं के लिए कम से कम 10,000 रुपये की अतिरिक्त राशि ली। पुलिस ने चार्जशीट में 97 गवाहों को नामजद किया है। इनमें से 35 रिसॉर्ट के कर्मचारी और यहां रहने वाले लोग हैं।