रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का एक फैसला दुनिया को डाल सकता है संकट में

नई दिल्‍ली;   युक्रेन जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति ने सेना की प्रतिरोधी शक्तियों को स्पेशल अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है, जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं।  रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के संबोधन के बाद पश्चिमी देश और अमेरिका के कान खड़े हो गए हैं। पुतिन ने अपने रक्षा प्रमुखों से कहा कि पश्चिम के आक्रामक बयानों की वजह से ऐसा करना जरूरी हो गया है। युक्रेन जंग के दौरान पुतिन ने दूसरी बार परमाणु हमले के लिए युक्रेन और पश्चिमी देशों को आगाह किया है। पुतिन की आवाज की गूंज से अमेरिका सकते में आ गया है। माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ने पुतिन को एक निजी संदेश के जरिए आगाह किया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्‍या है।

मिली जानकारी के अनुसार,  विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को शायद ही युक्रेन जंग के इन परिणामों का अंदाजा रहा हो। इस युद्ध में रूसी सेना के इतने जवान शहीद होंगे और रूस को इतने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान होगा इसका भी अंदाजा शायद ही रूसी राष्‍ट्रपति को रहा हो। इस जंग में अमेरिका और पश्चिमी देशों की युक्रेन को दी जा रही सैन्‍य मदद ने रूस के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि युक्रेन युद्ध में रूसी सेना को पीछे हटना पड़ रहा है। इसका असर रूसी सैनिकों के मनोबल पर पड़ रहा है।

प्रो पंत ने कहा कि राष्‍ट्रपति पुतिन यह जानते हैं कि जंग को कूटनीति और परमाणु बम के जरिए ही रोका जा सकता है। कूटनीतिक रास्‍ते के विकल्‍प सीम‍ित है।  कूटनीतिक पहल मानीवय आधार पर ही हो सकती है, इसके लिए प्रयास भी किया गया लेकिन सब नि‍ष्‍फल रहा। भारत भी इस जंग का कूटनीतिक समाधान चाहता है। उधर, रूस जैसे महाशक्ति इस जंग में अपनी विजय की अपेक्षा रख रहा होगा। हालांकि, इस युद्ध में रूस ने अपनी पूर्वी और दक्षिणी सीमा को सुरक्षित कर लिया है। युक्रेन के दो ऐसे राज्‍यों पर रूस का प्रभुत्‍व कायम है, जिससे उसकी पूर्वी और दक्षिणी सीमा सुरक्षित है, लेकिन रूस जैसे महाशिक्‍त के ल‍िए युक्रेन जीतना नाक का विषय बना हुआ है।

प्रो पंत ने कहा कि पुतिन का एक फैसला दुनिया को संकट में डाल सकता है। युक्रेन जंग जिस मोड़ पर खड़ा है उससे पुतिन जरूर विचलित और हताश होंगे। इस युद्ध को लेकर पश्चिम के प्रति उनका जबरदस्‍त गुस्‍सा भी है। ऐसे में यह संभव है कि पुतिन परमाणु हमले का फैसला कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि पुतिन इस बात को समझ रहे हैं कि पश्चिमी देशों व अमेरिका के सैन्‍य सहयोग के कारण यह जंग रूस के लिए आसान नहीं है। प्रो पंत ने कहा कि अगर रूस परमाणु बमों का इस्‍तेमाल करता है तो इसका प्रभाव पश्चिमी देशों तक जाएगा। ऐसे में इसकी आंच अमेरिका तक जानी तय है। ऐसे में इसके नतीजे खतरनाक होंगे। यह विश्‍वयुद्ध का स्‍वरूप अख्तियार कर सकता है।

वाशिंगटन पोस्‍ट के मुताबिक बाइडन प्रशासन ने रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन को आगाह किया है कि वह युक्रेन जंग में परमाणु बमों का इस्‍तेमाल नहीं करे। यह कहा जा रहा है कि बाइडन प्रशासन की ओर से एक गुप्‍त संदेश पुतिन को भेजवाया गया है। हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग मास्‍को के साथ इस संचार संदेश में शामिल है, अभी इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि हाल में रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन का राष्‍ट्र के नाम के संबोधन में देश की जनता को परमाणु हमले के लिए तैयार रहने को कहा गया है। यह माना जा रहा है कि रूसी राष्‍ट्रपति के भाषण के बाद बाइडन प्रशासन की ओर से एक निजी संदेश मोस्‍को भेजा गया है।

जहां तक सवाल परमाणु हमलों का है तो दुनिया में अब तक दो बार परमाणु बमों से हमला किया गया है। इसके भयंकर परिणाम दुनिया ने देखा है। इसके प्रयोग से जनधन को बड़ा नुकसान हुआ था। 77 वर्ष पूर्व दोनों हमले अमेरिका ने किए थे। अमेरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराए थे। अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए थे। माना जाता है कि हिरोशिमा में 80,000 और नागासाकी में 70,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। परमाणु बमों के इस्‍तेमाल से बड़ी मात्रा में रेडिएशन या विकिरण निलकता है। इसलिए इनका असर धमाके बाद बहुत लंबे समय तक रहता है।