देहरादून: अक्टूबर का आधे से अधिक महीना गुजर चुका है और नवंबर का महीना आने वाला है। देहरादून समेत उत्तराखंड के मैदानी जिलों का मौसम शुष्क बना हुआ है। वहीं, पहाड़ी जिलों की ऊंची चोटियों पर हल्की बारिश और बर्फबारी ने पहाड़ी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी है। मैदानी इलाकों में भी सुबह -शाम के वक्त इसका असर देखने के लिए मिल रहा है।
रुद्रनाथ मंदिर, हेमकुंड साहिब, नीती-माणा, फूलों की घाटी, बद्रीनाथ धाम और नंदा घुंघटी की ऊंची चोटियों पर हिमपात होने से प्रदेशभर में इसका असर देखा जा रहा है। जहां एक तरफ पर्वतीय इलाकों में ठिठुरन बढ़ी है। वहीं, देहरादून सहित मैदानी जिलों के तापमान में भी 1 से 2 डिग्री तक गिरावट देखी गयी है।
देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया है कि प्रदेश के पहाड़ी इलाकों के ऊंचे शिखरों परहिमपात और आसपास के क्षेत्र में हल्की बारिश होने से तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। वहीं, राजधानी देहरादून के मौसम की बात करें, तो देहरादून में बीते दिनों में दिन के वक्त चटक धूप खिलने से उमस होती थी, लेकिन अब धूप भी नर्म पड़ती नजर आ रही है।
उत्तराखंड का मौसम सुहावना होने से यहां पर्यटकों को भी देवभूमि की फिजायें मोहित करती नजर आ रही हैं। राज्य के लगभग तमाम टूरिस्ट प्लेस पर लोग घूमने के लिए आ रहें हैं। चमोली स्थित फूलों की घाटी में तकरीबन 19,400 टूरिस्ट अब तक पहुंच चुके हैं।
ऐसे में 31 अक्टूबर 2024 को फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाएगी और उनके पास इसका लुत्फ उठाने के लिए सिर्फ कुछ ही दिनों का समय रह गया है।