दिल्ली: नई सीएम आतिशी ने सोमवार से मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के लिए कुर्सी खाली है और उनका इंतजार रहेगा। जानकारी मिल रही है कि आज ही कैबिनेट की बैठक भी बुलाई जा सकती है। अपने पांच कैबिनेट सहयोगियों के साथ आतिशी ने 21 सितंबर को शपथ मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली। राजनिवास में आयोजित सादे समारोह में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शपथ दिलाई। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत आप शीर्ष नेतृत्व व विधायक मौजूद थे। वहीं, आतिशी के माता-पिता भी शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने।
विधानसभा चुनावों से बमुश्किल पांच महीने पहले आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। आतिशी के बाद उनकी मंत्रिपरिषद में सबसे पहले सौरभ भारद्वाज ने शपथ ली, उसके बाद गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और दिल्ली कैबिनेट में नए सदस्य मुकेश अहलावत ने पद गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह के बाद आतिशी ने समारोह में मौजूद केजरीवाल का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, राज निवास पहुंचने से पहले भी वह सिविल लाइंस स्थित पूर्व सीएम के आवास पर अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ पहुंचीं। वहां से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ वह शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचीं।
शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले बयान में आतिशी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 साल में दिल्ली की तस्वीर बदल दी है। शिक्षा व स्वास्थ्य को बुनियाद ढांचा बेहतर करने के साथ लोगों को मुफ्त बिजली दी है। उनका आरोप था वह आज मुख्यमंत्री इसलिए नहीं हैं कि भाजपा ने उनके खिलाफ झूठे केस दर्ज किए। लेकिन वो टूटे नहीं, दबे नहीं। अब हम सभी दिल्लीवासियों को मिलकर फरवरी में होने वाले चुनाव में अरविंद केजरीवाल को फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना है। आतिशी ने लोगों को भरोसा दिया कि अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ गए हैं। अब दिल्ली में सीवर ठीक होंगे, पानी की समस्याएं ठीक होंगी, सड़कें ठीक होंगी। भाजपा को कोई भी षडयंत्र अब सफल नहीं होगा।