देहरादून: एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच एक बार फिर वाक युद्ध छिड़ गया है। भाजपा के नेताओं द्वारा जहां एक देश एक चुनाव के केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के फैसले के समर्थन में कई तर्क दिए जा रहे हैं वहीं विपक्ष कांग्रेस के नेताओं द्वारा इसे एक राजनीतिक स्टंट बता कर यह कहा जा रहा है कि सरकार द्वारा देश की समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए एक देश एक चुनाव का मुद्दा लाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि यह फैसला सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। केंद्र सरकार जिससे अब जनता का विश्वास उठ चुका है आगामी चुनावों में हर जगह उसे अपनी हार होती दिख रही है। चाहे वह हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव हो या फिर यूपी व उत्तराखंड के उप चुनाव या निकाय चुनाव हो जनता में भाजपा के खिलाफ भारी गुस्सा है और वह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए नित नएकृनए हथकंडे अपना रहे है। उनका कहना है कि भारत जैसे बहुसंस्कृतियों वाले तथा भौगोलिक विषम परिस्थितियों वाले देश में एक साथ सभी चुनाव संपन्न कराया जाना व्यावहारिक नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस बयान पर आज पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहां है कि कांग्रेस के पास चाहे किसी भी मुद्दे पर विरोध करने का कोई ठोस आधार हो या न हो उसके नेताओं का काम सिर्फ भाजपा सरकार के हर फैसले का विरोध करना है। उन्होंने कहा है कि इस देश की जनता जानती है और मानती भी है कि अगर एक साथ चुनाव होंगे तो उसके तमाम फायदे होंगे समय और चुनावी खर्च में कमी आएगी तथा इससे विकास के काम भी बाधित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का फैसला उचित तथा सराहनीय है। लेकिन कांग्रेस को अगर इसमें भी बुराई नजर आ रही है तो वह क्या कर सकते हैं?
उल्लेखनीय है कि सूबे के मुख्यमंत्री पहले ही केंद्र सरकार द्वारा एक देश एक चुनाव के फैसले के लिए केंद्र सरकार को बधाई दे चुके हैं। केंद्र सरकार द्वारा कल कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है जिसमें पूरे देश में लोकसभा व सभी राज्यों के विधानसभाओं के चुनाव एक साथ तथा निकाय और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की बात कही गई है।