रुद्रपुर: रंपुरा चौकी इलाके की प्रीत विहार कॉलोनी फेस-दो में स्कूली बस की चपेट में आकर मासूम की मौत हो गई। जिसे देखकर भीड़ जमा हो गई और लोगों ने चालक की धुनाई कर दी। इसके बाद बस पर पथराव शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।
मगर भीड़ ने मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। इस दौरान मौके पर पहुंचे विधायक व अन्य नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपी चालक और बस को पुलिस कोतवाली ले आई।
जानकारी के अनुसार प्रीत विहार फेस-दो निवासी संजीव शर्मा अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ किराये के मकान में रहते हैं और दंपत्ति सिडकुल की एक कंपनी में मजदूरी कर गुजर बसर करते हैं। बताया जा रहा है कि रोजमर्रा की भांति दंपति शुक्रवार की सुबह साढ़े छह बजे मजदूरी करने जा रहा था कि पीछे से खेलते-खेलते उनकी सात साल की मासूम बच्ची नेहा भी आने लगी।
चश्मदीदों का कहना था कि जब बच्ची माता-पिता के पीछे आ रही थी कि उसी वक्त डिबडिबा गांव स्थित जीडी गोयनका स्कूल का चालक बस को मोड़ रहा था और परिचालक नहीं होने के कारण पीछे आ रही मासूम को बस ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दर्दनाक मंजर को देखकर भीड़ का पारा चढ़ गया और गुस्साई भीड़ ने बुजुर्ग चालक की धुनाई कर दी और बस पर पथराव कर दिया। जिससे बस के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए।
आरोपी चालक राजेंद्र कुमार को भीड़ से बचाने के लिए सीओ अनुषा बडोला के इशारे पर एसएसआई अर्जुन गिरि पुलिस का घेरा बनाकर गुपचुप तरीके से ले जाने की कोशिश की और ट्रैक्टर ट्राली बारादरी मुख्य मार्ग के बीच खड़ी कर जाम लगा दिया।
इस दौरान भीड़ के चंगुल से चालक को बचाने के लिए पुलिस और लोगों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। जानकारी होने पर विधायक शिव अरोरा, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, पूर्व पालिकाध्यक्ष मीना शर्मा भी मौके पर पहुंची। जहां विधायक ने स्कूल से अनुबंध ट्रांसपोर्टर बंसल ट्रेवल्स के स्वामी से फोन पर वार्ता की और मुआवजा सहित कई बिंदुओं के आश्वासन के बाद मामला शांत करवाया। जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस लेते हुए आरोपी चालक किच्छा निवासी राजेंद्र कुमार को हिरासत में लेकर बस सहित कोतवाली ले आई।
पांच घंटे तक चलता रहा हंगामा
रुद्रपुर। शुक्रवार की सुबह साढ़े छह बजे सड़क हादसे में सात साल की मासूम नेहा की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने पांच घंटे तक प्रीत विहार-बारादरी मुख्य मार्ग को जाम रखा, जबकि उक्त मार्ग रुद्रपुर सीमा व बिलासपुर सीमा को जोड़ने वाला एक बाईपास मार्ग है। जहां पर बड़ी तादाद में लोगों की आवाजाही होती है। आवाजाही का एक ही मुख्य मार्ग है। जिस वक्त गुस्साई भीड़ ने जाम लगाया। उस वक्त बड़ी संख्या में राहगीर पांच घंटे तक जाम में फंसे रहे। जिस कारण अपने गंतव्य तक पहुंचने पर परेशानी हुई
कई बार चालक को दी जा चुकी थी चेतावनी
रुद्रपुर। प्रीत विहार के लोगों का आरोप था कि अनुबंधित बस चालक को कई बार तेज बस नहीं चलाने की हिदायत दी गई थी। लोगों का कहना था कि चालक जब भी स्कूली बच्चों को लेने आता था और वह तेज गति से वाहन चलाता था, जबकि मुख्य मार्ग की सड़क काफी जर्जर हालत में है। ऐसे में कई बार बस की चपेट में आकर लोग चोटिल होते-होते बचे थे। बावजूद चालक ने लापरवाही बरती है।
उड़ रही कायदे कानून की धज्जियां
रुद्रपुर। प्रीत बिहार कॉलोनी में सात साल की बच्ची ने अपनी जान देकर लचर और आधारहीन व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। ऐसे में आरोपी बस चालक बिना परिचालक के ही स्कूली बसों को सड़क पर दौड़ा रहे हैं। वहीं आरोपी चालक राजेंद्र कुमार की आयु 75 साल की है। ऐसे में सवाल उठता है कि एआरटीओ विभाग का क्या दायित्व है। जहां खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और भारी वाहन इंसानी जिंदगियां छीन रहे हैं।
दो भाई की लाडली थी मासूम नेहा
रुद्रपुर। प्रीत बिहार निवासी शंकर शर्मा की माली हालत ठीक नहीं होने के बाद भी अपने तीन बच्चों के साथ बेहद खुश थे। नेहा को दोनों बड़े भाई व माता-पिता बहुत प्यार करते थे। जिस वक्त हादसे में मासूम की मौत हुई तो माता-पिता के अलावा उसका छोटा भाई बार-बार अपनी बहन के शव को लिपटकर रो रहा था। जब पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रही थी तो दोनों भाई जबरदस्ती पुलिस की गाड़ी में बैठे और बहन के साथ पोस्टमार्टम हाउस तक गए।