रामनगर: पर्यटन गितिविधियां लगभग समाप्त हो जाने के बाद कार्बेट टाइगर रिजर्व ने अब पूरे क्षेत्र में हाईअलर्ट जारी करने के साथ सभी वन कर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है।
अब कार्बेट के चप्पे-चप्पे पर वन कर्मयों ने ऑपरेशन मानसून के तहत अपनी निगहबानी रखनी शुरू कर दी है। बताते चले कि मानसून के दौरान अक्सर वन्य जीवों का शिकार करने के मकसद से शिकारी अथवा वन्यजीव तस्कर अक्सर जंगलो में अपनी घुसपैठ किया करते है।
ऐसे में उन्हें रोकना वन कर्मियों के लिए किसी चुनोती से कम नही होता। खासकर सीटीआर की दक्षिणी सीमा जो उप्र से लगी है उसमें विशेष चौकसी रखी जा रही है क्योंकि बिजनौर, नजिमाबाद क्षेत्र से तस्कर यहां अपनी घुसपैठ किया करते है। सन 2000 में तस्करों सात हाथियों को मार कर उनके हाथी दांत ले उड़े थे।
अब तो यहां रॉयल बंगाल टाइगर बहुतायत में ऐसे में उनकी सुरक्षा किया जाना एक बड़ी चुनोती विभाग के ऊपर है। सीटीआर के निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि तीन जून को ही हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सभी कर्मचारियों अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गयी है। लम्बी दूरी, छोटी दूरी की गश्त के अलावा संवेदन शील क्षेत्रो में एम्बुस लगाये गए है।
साथ जंगलों से लगे खत्तों पर विशेष निगरानी की जा रही है। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशनों पर भी वन कर्मी नजर रखे है। सबसे बड़ी बात कार्बेट की दक्षिणी सीमा पर यूपी और उत्तराखण्ड के वन कर्मी सन्दिग्ध लोगो पर पैनी निगाह लगाए है। पेट्रोलिंग जारी है।
सीसीटीवी कैमरों के माद्यम से पल पल की नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पूरी चाक चौबंद व्यवस्था है। फिर भी यदि कोई सन्दिग्ध व्यक्ति सीटीआर के जंगलों में दिखाई दे तो ग्रामीण तुरन्त इसकी सूचना वन विभाग को देकर अपने जिम्मेदार नागरिक होने के नाते सहयोग करेंगे ऐसा उन्हें विश्वास है।