देहरादून: पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सपना है कि उत्तराखंड राज्य वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाना है। ये चैलेंज बड़ा है क्योंकि बड़े-बड़े इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया हैं जो बहुत बड़ी संख्या में हैं। ये देश को खोखला कर रहें हैं ताकि हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर कर सकें। हमें युवा वर्ग को ड्रग्स सेवन करने से जुड़ी समस्याओं जैसे निराशा, अवसाद आदि से बाहर निकालना होगा।
आम जन को ड्रग्स के प्रति संवेदनशील करने और ड्रग्स के विरूद्ध जन जागरूक करने हेतु एंटी नॉरकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) द्वारा सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि, युवा अपनी उर्जा को सकारात्मक क्रिया-कलापों खेल, पढाई, कल्चरल एक्टीविटी आदि में लगाएं और ड्रग्स से दूर रहें। इसके लिए सप्लाई साइड पर ध्यान देना होगा। उन्होंने काउंसिलिंग को जरूरी और केंद्र सरकार के हेल्पलाइन नम्बर-14446 को मददगार बताते कहा कि ड्रग्स के खिलाफ हम सभी को एकजुट होना पड़ेगा।
हम ड्रग्स सप्लाई को जीरों टॉलरेंस पर लाना चाहते है। डिमांड को जीरो करने में सोसायटी और यूनिवर्सिटीज का रोल है लेकिन सप्लाई रोकने में स्वयंसेवियों और पुलिस का मुख्य रोल है। पुलिस और सभी स्टेक होल्डर्स को एक होना पड़ेगा, तभी सफलता प्राप्त होगी। हमने पिछले 3-4 सालों में एएनटीएफ द्वारा अभियान चलाया है। आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लागाना शुरू किया है। उनकी संपत्ति जब्त की हैं। इस अभियान को और तेज करना होगा।
सेमिनार में शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाम व औषधि विभाग के अधिकारियों के अलावा नशा मुक्ति केन्द्र के संचालकों ,मनोवैज्ञानिकों द्वारा ड्रग्स के विरूद्ध कार्रवाई को और अधिक प्रभावी करने के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक गहन विचार-विमर्श किया गया।
सेमिनार में ड्रग्स जागरूकता पखवाड़ा के अन्तर्गत राज्य के सभी जनपदों में कला/पोस्टर/निबन्ध प्रतियोगिता के माध्यम से ड्रग्स जागरूकता में प्रथम आने वालों बच्चों को पुलिस महानिदेशक द्वारा पुरस्कृत करने के साथ ही जनपद स्तर पर ड्रग्स के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। डीजीपी ने सभी उपस्थित लोगों को नशे के विरोध में शपथ दिलायी। साथ ही सभी लोगों ने नशे के विरूद्ध हस्ताक्षर भी किए।