कुल्लू: राज्य में मेडिकल और औद्योगिक ग्रेड भांग (भांग) की खेती को वैध करने के पक्ष और विपक्ष का अध्ययन करने के लिए गठित समिति के सदस्य, मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) सुंदर सिंह ठाकुर ने आज कहा कि इस मुद्दे पर एक जन सुनवाई आयोजित की जाएगी।
कुल्लू के अटल सदन में 11 जून को सीपीएस ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि नीति बनाते समय सभी राय पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंडी, कांगड़ा और चंबा में भी जन सुनवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह आकलन किया जाएगा कि कितने किसान उच्च औद्योगिक और औषधीय मूल्यों वाली भांग की किस्मों को उगाने में रुचि रखते हैं। इच्छुक किसानों को परमिट दिया जाएगा और भांग की खेती को केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) के माध्यम से विनियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सीबीएन द्वारा निर्धारित कोटा के अनुसार भांग की खेती की अनुमति दी जाएगी, ताकि हमें इन दवाओं का आयात न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि एक भांग के पौधे की खेती औद्योगिक और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए की जा सकती है यदि उसमें 0.3 प्रतिशत से कम टीएचसी हो, ज्ञात एनाल्जेसिक गुणों वाला नशीला यौगिक। उन्होंने कहा कि चिकित्सा और औद्योगिक ग्रेड भांग गैर-नशीली थी।