शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों को देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए: गडकरी 

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों के साथ संपर्क भारत की प्राथमिकता है। उन्होंने प्रत्येक देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हुए मांग-आधारित, सतत विकास सुनिश्चित करने पर जोर दिया। 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने एससीओ के परिवहन मंत्रियों की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्था और जनसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए एससीओ पर विशेष ध्यान देता है। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे से संपर्क अपने आप में ही आर्थिक गुणक है यानी इसका अर्थव्यवसथा पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। एससीओ देशों के साथ संपर्क हमारी प्राथमिकता है।

हमें हर देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए सहयोग और मांग आधारित विकास सुनिश्चित करना चाहिए। गडकरी ने कहा कि भारत परिवहन क्षेत्र को अधिक कुशल और भरोसेमंद बनाने के लिए समाधानों को बढ़ावा देने को लेकर प्रतिबद्ध है। 

गडकरी ने कहा, भारत, एससीओ सदस्यों की पहल की सराहना करता है। एससीओ का उद्देश्य क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूत करना और राजनीतिक व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाना है। उन्होंने कहा, हम सभी को आश्वस्त करते हैं कि भारत इस क्षेत्र में संपर्क में सुधार के लिए सहयोग करने को तैयार है। 

गडकरी ने ट्विटर पर लिखा है कि सभी सदस्य देश डिजिटल परिवर्तन और नवीन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने, परिवहन को कार्बन मुक्त करने और दक्षता तथा स्थिरता बढ़ाने के लिए एससीओ सदस्य राष्ट्रों के साथ मिलकर काम करने के विचार से सहमत हैं। एससीओ महत्वपूर्ण अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय निकायों में से एक के रूप में उभरा है। यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है। रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने। वहीं वर्तमान में भारत, एससीओ का अध्यक्ष है।