विधि विधान के साथ खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा
चमोली: हल्की बर्फवारी और बारिश के बीच गढ़वाल हिमालय के विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई।
विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की 22 अप्रैल से ही शुरूआत हो चुकी है। वहीं, आज यानि गुरुवार को चौथे धाम के कपाट भी खोल दिए गए। भगवान बदरी विशाल के कपाट पूरे विधि-विधान के साथ गुरुवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह तीर्थ पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ भगवान बदरी विशाल की पूजा की। उसके बाद सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। वहीं, बदरीनाथ मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से की गई।
बद्रीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया है, वही आईटीबीपी बैंड की धुन के साथ और श्रद्धालु के जयकारों के साथ पूरा भू बैकुंठ बद्रीनाथ धाम से गूंज उठा। हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए बद्रीनाथ पहुंचे।बद्रीनाथ में सुबह से ही हल्की हल्की बारिश जारी है वहीं आस पास की चोटियों में बर्फ देखने को मिल रही है। इस मौके पर वीआईपी के साथ-साथ बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। बदरीनाथ मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। जिससे बदरीनाथ की आभा देखते ही बन रही है।
इससे पहले 22 अप्रैल को मां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। जबकि 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। वहीं, आज यानि गुरुवार को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने से चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है। अभी तक चारों धाम में 95 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। शुरूआती यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या को देखते ही इस बार सारे रिकॉर्ड टूटने के आसार दिख रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना काल के बाद 2022 में चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों ने चारों धाम के दर्शन किए थे। वहीं, इस बार अभी से ही लाखों श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। उम्मीद है कि चारधाम में यात्री के आने के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे।
मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर धाम में हजारों की संख्या में श्रद्वालु मौजूद रहे, जिन पर हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। इस मौके पर धाम को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था। तड़के चार बजे कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होते ही कुबेर जी, उद्वव जी और पवित्र गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया। इसके बाद, मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने धर्माधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना कर मंदिर के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए. बारिश और हल्की बर्फबारी के बीच सेना की टुकडी के बैंड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत एवं नृत्य के साथ भगवान बदरीनाथ की स्तुति ने परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भाषा व आईएएनएस