केदारनाथ में टोकन सिस्टम से ही होंगे दर्शन, नहीं चलेगी सिफारिश

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन के लिए इस बार सिर्फ प्रोटोकॉल धारकों को ही अनुमति देने का निर्णय लिया है। श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके, इसके लिए केदारनाथ में टोकन सिस्टम शुरू हो गया है।

केदारनाथ धाम में कपाट खुलते ही दर्शन को लेकर प्रशासन और मंदिर समिति ने नियमों का सख्ती से पालन कराना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा जो भक्तों की शिकायत वीआईपी कल्चर को लेकर थी, उसे दूर करने के लिए मंदिर प्रशासन ने एक नया नियम लागू करते हुए वीआईपी दर्शन के लिए इस बार सिर्फ प्रोटोकॉल धारकों को ही अनुमति देने का निर्णय लिया है।

पैदल यात्रियों का रहेगा खास ध्यान इसके अलावा किसी भी तरह ही सिफारिश न होने की बात की है। साथ ही पैदल चलकर बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे भक्तों को इस बार पहले दर्शन कराए जाएंगे। हर साल धाम में दर्शन कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा और बेइंतजामी का आरोप लगता रहा है। जिसे इस बार खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

टोकन सिस्टम शुरू केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद भक्तों में बाबा केदार के दर्शन को लेकर दिख रहे उत्साह को लेकर मंदिर समिति और प्रशासन ने तैयारियां पुख्ता कर ली है। इसके लिए इस बार कई तरह के नए नियम बनाए गए हैं। जिससे धाम में किसी तरह की अव्यवस्था न हो और सभी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके। इसके लिए केदारनाथ में टोकन सिस्टम शुरू हो गया है।

धाम मे चार काउंटर लगाए गए धाम मे चार काउंटर लगाए गए हैं। प्रत्येक काउंटर पर दो दो कर्मचारी तैनात हैं। यात्रियों को एक-एक घंटे के स्लॉट के हिसाब से टोकन दिए जा रहे हैं। बुधवार को शुरू हुई व्यवस्था के तहत एक-एक घंटे में 1200 यात्रियों को दर्शन कराए गए। इसके साथ ही वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपए शुल्क लेना शुरू हो गया है। जिसकी शुरूआत कपाट खुलने के दिन मुख्यमंत्री धामी के द्वारा की गई।​