देहरादून: चार धाम यात्रा के दौरान आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को एयर एम्बुलेंस की सहायता से एम्स ऋषिकेश के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर में एयर लिफ्ट किया जायेगा, ताकि किसी भी गंभीर परिस्थिति में उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने सोमवार को बताया कि विगत दिनों यमुनोत्री में हृदय गति रुकने से दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जिसको देखते हुये उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर पहुंचाया जाए, ताकि समय रहते यात्रियों को गंभीर हालत में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बेहतर उपचार दिया जा सके। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थायी चिकित्सा इकाई तथा 23 अस्थायी चिकित्सा इकाई स्थापित की गईं हैं, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किए गए हैं। 95 पीओसीटी डिवाइस उपलब्ध कराई गईं हैं जोकि ईसीजी के साथ ही ऑक्सीजन लेवल की भी जांच कर सकेंगे।
इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल हैं। चार धाम यात्रा मार्गों पर 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सहित 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। यात्रा मार्गों पर आपात स्थिति से निकालने के लिये 11 ब्लड बैंक व 2 ब्लड संग्रहण केन्द्र क्रियाशील हैं।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डियक सेंटर की स्थापना की गई है, जहां पर कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहेगा। इसी प्रकार एम्स ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस की सेवा शुरू की गई है। आपात स्थिति में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग सहित अन्य यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले जिलों के डीएम एवं सीएमओ को हेली एम्बुलेंस सेवा के लिये अधिकृत किया गया है।