नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जाने-माने पर्यावरणीय वकील ऋत्विक दत्ता के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की है। यह कदम केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर उठाया गया है।
मंत्रालय ने आरोप लगाया कि दत्ता के संगठन ‘लाइफ’ को भारतीय कोयला परियोजनाओं को ‘‘निशाना बनाने तथा उन्हें अवरुद्ध’’ करने के इरादे से उनके खिलाफ मुकदमा लड़ने के वास्ते अमेरिका स्थित अर्थ जस्टिस (ईजे) से निधि मिल रही है, जिसे मंत्रालय ‘‘एफसीआरए का उल्लंघन’’ मानता है। प्राथमिकी में दत्ता को नामजद किया गया है।
इसमें आरोप लगाया गया है कि लाइफ ने ‘‘पेशेवर प्राप्तियों’’ की आड़ में ईजे से धन लिया, जिसका असल मकसद विकास परियोजनाओं को निशाना बनाना तथा उन्हें बाधित करना था। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि दत्ता ने ईजे से वित्त वर्ष 2013-14 में विदेशी योगदान के रूप में 41 लाख रुपये लिए और इसके बाद लाइफ प्रोप्राइटरशिप स्थापित की जिसने पेशेवर प्राप्तियों के रूप में 2016-21 के दौरान 22 करोड़ रुपये प्राप्त किए।
शिकायत के अनुसार, ईजे एक अमेरिकी गैर लाभकारी संगठन है जो कथित तौर पर कोयला परियोजनाओं के खिलाफ मुकदमा लड़ने के लिए विभिन्न देशों में कानूनी पेशेवरों को निधि मुहैया कराता है और इस उद्देश्य के लिए दत्ता को ईजे से लगातार निधि मिली है। दत्ता
कानून के जरिए भारत में पर्यावरण की रक्षा के अपने प्रयासों के वास्ते स्वीडन के 2021 के लिए वैकल्पिक नोबेल पुरस्कार ‘राइट लाइवलीहुड अवार्ड’ समेत कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।