महावीर जयंती पर अपनाएं उनके ये सिद्धांत

धर्म: जैन समाज के 24वें तीर्थकर महावीर जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था. 4 अप्रैल 2023 को देशभर में महावीर जयंती मनाई जाएगी. जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर ने सत्य की खोज में राजमहल का सुख त्याग दिया था. उन्होंने जीवन का सही उद्देश्य जाना और समाज में उसका प्रसार भी किया. उन्होंने कई ऐसी बातें कहीं जो इंसान को जीवन में हर परेशानी का हल दे सकता है. यहां हम आपके लिए उनमें से 5 बेहतरीन सिद्धांत लेकर आए हैं जिन्हें आपको भी अपने जीवन में उतारना चाहिए.

महावीर जयंती पर अपनाएं उनके ये 5 सिद्धांत –

भगवान महावीर जैन समाज के 24वें तीर्थकर माने जाते हैं. उन्होंने मानव कल्याण और जीवन में सफलता के कई मंत्र बताए. लेकिन ये 5 सिद्धांत उनके जीवन के अहम हैं और हर किसी को इन्हें अपनाना चाहिए।

सत्य: हमें हमेशा सही राह पर चलना चाहिए. जिस राह में सत्य की नींव होती है वहां कुछ अवरोध जरूर आते हैं लेकिन सत्यता का हाथ थामे रहने से सफलता मिल जाती है. अंत में सत्य की ही जीत होती है।

अहिंसा: महावीर स्वामी का मूल सिद्धांत ‘अहिंसा परमो धर्म’ है।उनका कहना था कि इस लोक में जितने भी मनुष्य, जीव या कीड़े-मकौड़े हैं उन सभी पर हिंसा करना सही नहीं है। उन्हें शारीरिक तौर पर कष्ट देना बुरा फल देता है. ना किसी का बुरा करो और ना बुरा सोचो, इसी सिद्धांत से हम सफल हो सकते हैं।

भगवान महावीर.-

अपरिग्रह: इस सिद्धांत में बताया गया है कि सजीव हो या निर्जीव किसी भी चीज को आसक्ति मनुष्य के दुख का कारण बन जाता है. वस्तुओं की उपलब्धता उनके ना होने पर दोनों स्थितियों में समान भाव रखना चाहिए। वस्तुओं और मनुष्यों से अधिक लगाव रखने से मन भटक जाता है।

अचौर्य: दूसरों की वस्तुओं को बिना परमिशन के लेना चोरी कहलाता है. यहां चोरी का अर्थ भौतिक वस्तुओं की चोरी से नहीं बल्कि दूसरों के प्रति गलत सोच से है. कभी दूसरों के प्रति मन में गलत सोच नहीं रखनी चाहिए। किसी की चीज को बिना पूछे नहीं लेनी चाहिए।

ब्रह्मचर्य: व्यक्ति को अपने अंदर छिपे ब्रह्मचर्य को पहचानना जरूरी होता है।इसके लिए उसे खुद के साथ समय बिताना चाहिए. ब्रह्मचर्य उत्तम तपस्या, नियम, ज्ञान, दर्शन, संयम और विनय की जड़ होता है।