नई दिल्ली: अडानी मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सांसदों ने काला कपड़ा पहनकर संसद में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।
इससे पहले विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्थगित कर दी गई। राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक और लोकसभा आज शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।अडानी समूह के मुद्दे और राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर नारेबाजी की जा रही थी। वहीं, सदन के पटल पर रणनीति बनाने के लिए संसद में विपक्षी दल के नेताओं की बैठक की।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 2019 में ‘मोदी’ नाम को किसने गाली दी? इसका मतलब इस देश में बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन गाली देने की नहीं। कांग्रेस को बोलने की स्वतंत्रता और गाली देने की स्वतंत्रता में फर्क करना चाहिए। वह इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए बल्कि क़ानूनी के चश्मे से देकना चाहिए।
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने लोकतंत्र की आवाज़ को बंद करने की साजिश चल रही है। इस लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत सदन है। आप लोकसभा से विपक्ष की आवाज़ को बंद करा रहे हैं। विपक्ष अगर घोटाले की बात न करे तो क्या करे? आपकी बातों में हामी भरे? आप राजतंत्र चाहते हैं। आज वह डरे हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, लोकतंत्र नहीं कांग्रेस को खतरा है इसलिए उन्होंने कांग्रेस बचाओ के नाम पर भारत जोड़ो यात्रा की थी। वे प्रजातंत्र के बारे में बोल रहे हैं लेकिन उन्हें बोलने का हक नहीं है क्योंकि आपातकाल के दौर में कांग्रेस ने लाखों लोगों को जेल में डाला था।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, आज यह बात हर जगह पहुंच गई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी की सदस्यता इसलिए खत्म की है जिससे वह अपने करीबी दोस्त अडानी को बचा सकें। हमारे दल के लोग धरना कर रहे हैं। राहुल गांधी पर आरोप लगाए गए लेकिन उनको एक बार भी (सदन में) बोलने नहीं दिया गया।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, कहां भगवान राम और कहां ये(कांग्रेस) लोग, इससे पहले इन्होंने कहा था कि मैं सावरकर नहीं हूं मैं माफी नहीं मांगूगा। क्या इन्हें वीर सावरकर जैसे लोगों का योगदान पता है?
बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो जाने के बाद महागठबंधन के नेताओं ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ काले रिबन बांधकर पटना विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। चेन्नई में भी राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर कांग्रेस विधायक विरोध जताने के लिए काली शर्ट पहनकर विधानसभा पहुंचे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, वीर सावरकर हमारे और देश के लिए श्रद्धा का विषय हैं। अंदमान में 14 साल तक काला पानी की सजा आसान नहीं है। ऐसी टिप्पणी पर महाराष्ट्र की जनता करारा जवाब दे सकती है। हम आपके साथ हैं लेकिन वीर सावरकर हमारे प्रेरणास्रोत हैं।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, अडानी, चीनी अतिक्रमण, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए मोदी जी अलग-अलग मुद्दे लेकर आए। राहुल गांधी को सदन में माफी मांगने को कहा गया। सदन माफी मांगने की जगह है? अगर माफी मांगने की जगह होती तो मोदी जी को दर्जनों बार माफी मांगनी पड़ती।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर रही है। नरेंद्र मोदी जी लोकतंत्र नहीं चाहते, इसलिए हम विरोध कर रहे हैं। हमारी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग भी नहीं मानी जा रही। हम चाहते हैं कि सत्य बाहर आए। अगर उनके (PM मोदी) पास ऐसा कोई जादू है कि 2.5 साल में 12 लाख करोड़ बन सकते हैं, वह हम देश के लोगों को बताएंगे। इसमें नीजि धरना क्या है? हम जनता, लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं। जो लोग इस मुहिम का समर्थन कर रहे हैं उनका धन्यवाद करता हूं।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, राहुल गांधी ने अप्रासंगिक तरीके से वीर सावरकर का नाम लेकर उनका अपमान किया और कई लोगों की भावनाओं को आहत किया। अगर सावरकर को जानना है तो एक बार अंदमान की जेल में 5 मिनट के लिए मौन बैठिए, वहां की दीवारें आज भी सावरकर के संघर्ष की साक्षी हैं।
राहुल गांधी की सदस्यता जाने को लेकर कांग्रेस के सभी नेता पूरे देश में हाहाकार मचा रहे हैं…फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह न्यायपालिका व न्यायधीश पर प्रश्न खड़े किए उससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी, पार्टी नेतृत्व और उसके नेताओं को न तो संविधान में और न ही न्यायपालिका में विश्वास है।