देहरादून: मुख्यमंत्री धामी ने मां पूर्णागिरि मेले का शुभारंभ किया। स्थानीय लोगों ने कुमाऊंंनी छोलिया नृत्य के साथ सीएम धामी का भव्य स्वागत किया। इस दौरान उनके साथ सांसद अजय टम्टा मौजूद रहे।
इस मौके पर सीम ने कहा कि प्रदेश सरकार उत्तराखंड के प्राचीन मंदिरों के पुर्ननिर्माण और जीर्णोद्वार के लिए प्रतिबद्ध है। आध्यात्मिक एवं धार्मिक रूप से उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि माना जाता है। यही कारण है कि गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को भगवान केदारनाथ की भूमि मानते हुए जहां केदारखंड पुकारा जाता है वहीं कुमाऊं मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों को कैलाश मानसरोवर की भूमि मानते हुए मानसखंड कहा जाता है।
बता दें कि प्रतिवर्ष इस शक्ति पीठ की यात्रा करने आस्थावान श्रद्धालु कष्ट सहकर भी यहाँ आते हैं। होली के अगले दिन यानी आज नौ मार्च से शुरू हो चुके पूर्णागिरि मेले के लिए छह सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी गई है। मेला मजिस्ट्रेट एसडीएम सुंदर सिंह ने बताया कि व्यवस्थाओं पर निगरानी के लिए मेला क्षेत्र में छह सेक्टर बनाए गए हैं।
ठुलीगाड़ से भैरव मंदिर सेक्टर में तहसीलदार पिंकी आर्या को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है। इसके अलावा भैरव मंदिर से काली मंदिर तक सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता आरके यादव को, काली मंदिर से मुख्य मंदिर तक लोनिवि के एई विभोर गुप्ता को, ककरालीगेट से ठुलीगाड़ तक जल संस्थान के एई बीएस कुवार्बी, टनकपुर सेक्टर में ईओ भूपेंद्र प्रकाश जोशी को और बनबसा मेला क्षेत्र सेक्टर में नगर पंचायत ईओ राकेश कोटिया को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है।