सनातन धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व है। रंगों की होली के त्योहार का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है. होली को खुशियों और रंगों का त्योहार कहा जाता है. इस पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट किया जाता है।
होली को कई नामों से जाना जाता है जैसे- रंगवाली होली, धुलंडी, डोल पूर्णिमा, याओसंग, धुलेटी, जजिरी, मंजल कुली, उकुली शिगमो या फगवा के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष होलिका दहन दो दिन हो रही हैं. क्योंकि इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है. मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा, प्रदोष काल और भद्रा का ध्यान रखकर होलिका दहन किया जाता है।चलिए हम आपको बताएंगे होलिका दहन की तारीख और शुभ मुहूर्त) के बारे में।
होलिका दहन 2023 कब पंचांग के मुताबिक, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन होने की वजह से होलिका दहन की तिथि को लेकर अधिक अजमंजस की स्तिथि बन रही है. कई जगहों पर 6 को तो कई जगहों पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त तीन चीजों पर निर्भर करता है. प्रदोष काल, पूर्णिमा तिथि और भद्रा न हो. ऐसा बेहद कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो. परंतु पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन अधिक आवश्यक होता है।
होलिका दहन का मुहूर्त टाइमफाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर भद्रा- 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।