वाशिंगटन: अमेरिका शुक्रवार को यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता के एक नए पैकेज की घोषणा कर सकता है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अमेरिकी अधिकारियों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि नए सहायता पैकेज में पहली बार आठ बख्तरबंद युद्धक वाहन शामिल होंगे, जो सैनिकों को नदियों या अन्य जटिल स्थानों को पार करने में मदद करेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक, पैकेज की कुल लागत लगभग 40 करोड़ डॉलर होगी और इसमें ‘हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम’ के लिए रॉकेट सहित बड़ी मात्रा में गोला-बारूद भी शामिल होगा। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है, जब जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को नयी दिल्ली में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। यूक्रेन में पिछले साल फरवरी में जंग शुरू होने के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह आमने-सामने की पहली मुलाकात थी।
इस दौरान, ब्लिंकन और लावरोव के बीच लगभग 10 मिनट तक बातचीत हुई। ब्लिंकन ने लावरोव से दो टूक कहा कि अमेरिका युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। वहीं, लावरोव ने एक संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन के साथ बैठक का कोई जिक्र नहीं किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि रूस आगे भी यूक्रेन में अपनी कार्रवाई जारी रखेगा। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को फरवरी के अंत में एक साल पूरा हो गया था।
अमेरिका के न्याय विभाग ने रूस को विमानन संबंधी तकनीक और उपकरण मरम्मत सेवा प्रदान करने के आरोप में कंसास के रहने वाले दो लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों-सिरिल ग्रेगरी बुयानोस्की और डगलस रॉबर्टसन पर षड्यंत्र रचने, बिना लाइसेंस के तकनीक मुहैया कराने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्यात संबंधी जानकारी न देने समेत विभिन्न आरोप लगाए गए हैं। पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर अमेरिका ने रूस के खिलाफ पाबंदियां और वित्तीय दंड का सिलसिला तेज कर दिया है, जिसके बीच ये गिरफ्तारियां हुई हैं। अमेरिका ने रूसी व्यक्तियों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के अलावा उसे किए जाने वाले निर्यात पर भी लगाम लगाई है, जिसका मकसद रूसी सेना के आधुनिक उपकरणों से लैस होने के लिए जरूरी कंप्यूटर चिप और अन्य उपकरणों तक पहुंच सीमित करना है। अभियोग में कहा गया है कि गिरफ्तार व्यक्तियों ने 2020 के बाद से, अमेरिकी निर्यात कानूनों से बचते हुए रूस को विमानन संबंधी तकनीक व उपकरण मरम्मत सेवा मुहैया कराई।