हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा व्रत और स्नान-दान का बेहद खास महत्व है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करते हैं, इसके साथ ही इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। फाल्गुन पूर्णिमा की शाम को चंद्रमा के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी विशेष पूजा की जाती है। अब ऐसे में इस बार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका दहन होगी। तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त कब है, इस दिन चंद्रोदय का समय क्या है, साथ ही इस दिन पूजा करने का क्या महत्व है।
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि हिंदू पंचांग में जानिए कब है
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि दिनांक 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से लेकर अगले दिन दिनांक 07 मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. इसलिए फाल्गुन माह की उदया तिथि 07 मार्च को है। फाल्गुन माह में चंद्रोदयका समय फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 06 बजकर 19 मिनट पर होगा और चंद्रास्त दिनांक 08 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट पर होगा।
इस दिन स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त कब है?
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में यानी कि सुबह 05 बजकर 02 मिनट से लेकर 05 बजकर 51 मिनट के बीच स्नान करें। इस दिन दो शुभ मुहूर्त बन रहा है। पहला अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक है और दूसरा विजय मुहूर्त है, जो दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से लेकर 03 बजकर 17 मिनट तक रहेगा
जानिए क्या है फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पूजा का महत्व
फाल्गुन पूर्णमा के दिन सुबह सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा दोष है, तो फाल्गुन पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की पूजा जरूर करें और रात्रि में चांद को अर्घ्य जरूर दें। इससे चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी की भी विशेष पूजी की जाती है। इनकी पूजा करने से धन, वैभव और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है