बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने नवंबर 2022 में बेंगलुरु में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट (जीआईएम) के प्रचार वीडियो से जुड़ा ठेका रद्द करने वाली कंपनी के खिलाफ जारी संचार रद्द कर दिया है।
मुंबई स्थित बीबीपी स्टूडियो वर्चुअल भारत प्राइवेट लिमिटेड को बीते साल 11 अगस्त को जीआईएम के लिए एक 3-डी प्रचार वीडियो तैयार करने का ठेका दिया गया था। 25 अक्टूबर को कंपनी को एक ईमेल भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि ऑर्डर रद्द कर दिया गया है।
ईमेल में ऑर्डर रद्द किए जाने की वजह नहीं बताई गई थी। कर्नाटक के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री मुरुगेश आर निरानी ने तब राज्य सरकार के उपक्रम मार्केटिंग कम्युनिकेशन एंड एडवरटाइजिंग लिमिटेड (एमसीएएल) को पत्र लिखकर कहा था कि तीन मिनट के वीडियो के लिए 4.5 करोड़ रुपये की सहमत राशि बहुत अधिक थी।
इसके बाद, एमसीएएल ने ठेका रद्द कर दिया था। बीबीपी स्टूडियो ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 25 जनवरी को न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने एक आदेश पारित कर कहा कि ठेके को रद्द करना एक मनमाना कदम था। उन्होंने संचार को रद्द करते हुए कहा, “याचिकाकर्ता के पक्ष में ठेका दिया गया था, जिसने काम को उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया।
अनुबंध को अंतिम उत्पाद की आपूर्ति से ठीक पहले रद्द कर दिया गया, फिल्म की योग्यता/गुणवत्ता के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण। यह पूरी तरह से एक मनमाना कदम है।” बीबीपी स्टूडियो को डेढ़ करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया था।
उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि कंपनी को बाकी सहमत राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। कंपनी द्वारा तैयार किए गए 3डी प्रचार वीडियो का इस्तेमाल जीआईएम में नहीं किया गया था।