उत्तराखंडः जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद प्रशासन से लेकर सरकार तक टेंशन में हैं। इस बीच, चिह्नित भवन और होटल को ढहाने जाने की तैयारी पर स्थानीय लोग मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। हालात बिगड़ने से पहले खुद मुख्यमंत्री धामी ने मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री धामी अपने सारे कार्यक्रमों को स्थगित करते हुए जोशीमठ पहुंचे और राहत शिविरों में स्थानीय लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री धामी ने यहां लोगों का मनोबल बढ़ाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित करते हुए रात्रि प्रवास के लिए जोशीमठ आया हूं। यहां प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और नागरिकों से मुलाकात की। क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों के साथ चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी व्यक्तिगत रूप से क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इस संकट की घड़ी में केंद्र और राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ जोशीमठवासियों के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने यहां प्रभावित लोगों के लिए अंतरिम सहायता की घोषणा की। जबकि स्थानीय लोगों ने बद्रीनाथ की तर्ज पर मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और चिह्नित स्ट्रक्चर को गिराने पर रोक लगाने की मांग की। मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ में पत्रकारों से बातचीत में कहा, मार्केट रेट के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। लोगों को विश्वास में लेने के बाद रेट तय किए जाएंगे। प्रभावित लोगों को 1.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है। राहत और पुनर्वास पर काम किया जा रहा है।