उतंराचल दर्पण वेबडेस्क: पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ दिसंबर माह के नए सप्ताह की शुरुआत हो रही है। यह सप्ताह पौष माह के कृष्ण पक्ष दशमी तिथि के साथ समाप्त होगा। 12 से 18 दिसंबर तक चलने वाले इस सप्ताह में कई बड़े व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। इस सप्ताह कालाष्टमी, धनु संक्रांति, रुक्मिणी अष्टमी, मासिक कालाष्टमी जैसे पर्व पड़ रहे हैं। इसके साथ ही धनु संक्रांति के साथ ही खरमास आरंभ हो जाएंगे और मांगलिक कार्यों में पूरे एक माह के लिए रोक लग जाएंगी। जानिए दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।
दिसंबर के तीसरे सप्ताह के व्रत त्योहार 16 दिसंबर 2022, शुक्रवार- रुक्मिणी अष्टमी, धनु संक्रांति, खरमास प्रारंभ, कालाष्टमी रुक्मिणी अष्टमी 2022 हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मां लक्ष्मी की अवतार रुक्मिणी जी का जन्म को हुआ था। इसी कारण इस दिन को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां रुक्मिणी के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
मासिक कालाष्टमी व्रत 2022 पौष माह की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान शिव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है। इस दिन को काल भैरव अष्टमी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन बाबा भैरव की पूजा करने से हर तरह के दोषों, रोगों आदि से छुटकारा मिल जाता है। धनु संक्रांति 2022 ज्योतिष गणना के अनुसार जब सूर्य किसी राशि में प्रवेश करते हैं, तो संक्रांति बनता है। ऐसे ही सूर्य 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इस धनु संक्रांति कहा जाएगा।
इस राशि में सूर्य 14 जनवरी तक रहेंगे। इसके बाद मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। धनु संक्रांति के साथ स्नान दान का अधिक महत्व है। इसके साथ ही सूर्यदेव की पूजा करने के साथ मंत्रों का जाप करें। खरमास 2022 ज्योतिष गणना के अनुसार, धन संक्रांति के साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा। खरमास को मलमास और अधिक मास जैसे नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार खरमास आरंभ होते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। मकर संक्रांति के बाद ही फिर से शादी विवाह, मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश आदि आरंभ होंगे।