मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए ऋण वितरण सिस्टम के सरलीकरण पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण के प्रोसेस को जितना सरल किया जाएगा, लोग उतने अधिक लाभान्वित होंगे। मुख्य सचिव ने प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी पैकेजिंग यूनिट लगाकर स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए अगले 3-5 सालों का रोडमैप तैयार करने की बात कही। उन्होंने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जनपदों में संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को प्रदेशभर में शुरू करने के निर्देश देते हुए साइलेज की मांग के अनुसार पूर्ति सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि क्लस्टर आधारित खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इससे जहाँ उत्पादन बढ़ेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे व यह पलायन रोकने में भी मददगार साबित होगा। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री मोटर साइकिल टैक्सी योजना में मोटरसाइकिल क्रय की सीमा को 1 से बढ़ाकर 5 या 10 किए जाने की बात भी कही। निर्देश दिए कि आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एमपैक्सों का कम्प्यूटरीकरण किया जाए। मुख्य सचिव ने दिसम्बर माह से जनपद स्तरीय कार्यालयों सहित पूरे प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू की जाए। इस अवसर पर सचिव वी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम आदि अधिकारी उपस्थित थे।