53वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भेंट कर दी बधाई : प्रमुख सचिव सूचना, अभिनव कुमार

गोवा में चल रहे 53वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विशेष प्रमुख सचिव सूचना, अभिनव कुमार ने उत्तराखण्ड में निर्मित शार्ट हिंदी फिल्म पाताल-ती की टीम से भेंट कर उन्हें बधाई दी। उक्त फिल्म 25 नवम्बर को महोत्सव में दिखाई जाएगी। श्री कुमार ने पूरी टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा भी टीम को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की गई हैं। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि राज्य के लिए यह गर्व की बात है कि प्रदेश के युवाओं का यह प्रयास अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचा है। विशेष प्रमुख सचिव सूचना ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे प्रयासों को हर संभव सहयोग देगी व नई फ़िल्म नीति में अंतर्राष्ट्रीय समारोह हेतु चयनित फ़िल्मों को प्रोत्साहन देने हेतु भी विशेष प्रावधान किया जाएगा। सरकार का प्रयास प्रदेश में समृद्ध फ़िल्म संस्कृति का विकास करना है। फिल्म के निर्माता-निर्देशक रुद्रप्रयाग जिले के संतोष रावत व उनकी टीम ने बताया कि सीमित संसाधनों के बल पर इस शार्ट फ़िल्म का निर्माण किया गया है। इस फ़िल्म को दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में 39वें इंटरनेशनल शार्ट फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया जा चुका है।

यह फ़िल्म मास्को में भी प्रदर्शित हो चुकी है। यह फ़िल्म उत्तराखण्ड की भोटिया जनजाति पर केंद्रित फिल्म है। 26 मिनट की यह फिल्म दादा-पोते के बीच भावनात्मक रिश्ते और पहाड़ में प्रकृति व मानव के बीच के संघर्ष को सामने लाती है।

गोवा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में आज उत्तराखण्ड पवेलियन में प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी और श्री संजय सूरी ने भ्रमण किया। इस अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड की पहाड़ी टोपी और अंगवस्त्र भेंट किया गया।

इस अवसर पर पंकज त्रिपाठी ने उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति और शूटिंग लोकेशन की जानकारी लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड बेहद खूबसूरत जगह है। इसके साथ ही संजय सूरी ने फ़िल्म नीति में शॉर्ट फ़िल्म और वीडियो ब्लॉगिंग को स्थान देने का सुझाव दिया। इस दौरान उपनिदेशक सूचना/ नोडल अधिकारी उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद डॉ. नितिन उपाध्याय मौजूद रहे।

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा प्रतिभाग किया गया है। मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, झारखंड के साथ ही अन्य फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। इन सबके बीच उत्तराखण्ड पवेलियन सभी फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।