योगी कैबिनेट: सौर ऊर्जा और पर्यटन नीति समेत 24 प्रस्तावों को मंजूरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने बुधवार को सौर ऊर्जा नीति-2022, पर्यटन नीति-2022 और इलेक्ट्रानिक विनिर्माण नीति-2020 में संशोधन समेत 24 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 05 दिसम्बर से आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।

कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने लोकभवन के मीडिया सेंटर में आयोजित संयुक्त पत्रकार वार्ता में इन फैसलों की जानकारी दी। सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कुल 24 प्रस्ताव रखे गए थे। सभी पारित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पांच दिसम्बर से शुरू होगा। तीन दिवसीय छोटा सत्र होने की संभावना है। उच्च शिक्षा विभाग को लेकर एक फैसला हुआ है। उप्र निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के तहत दो निजी विश्वविद्यालयों को आशय पत्र जारी किये गए हैं। एचआरआईटी विश्वविद्यालय गाजियाबाद और महावीर विश्वविद्यालय मेरठ की स्थापना के लिए आशय पत्र जारी करने की मंजूरी दी गयी है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा नीति-2022 का प्रस्ताव भी पास हुआ है।

ऊर्जा मंत्री शर्मा ने बताया कि कैबिनेट में नई सौर ऊर्जा नीति-2022 को मंजूरी मिल गयी है। इस नीति के तहत सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में अगले पांच वर्षों में 22 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। सोलर पार्क के माध्यम से 14 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाएगा। भवनों की छतों पर सोलर प्लांट स्थापित कर 4500 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। इसके साथ ही सोलर एनर्जी के स्टोरेज की व्यवस्था भी की जाएगी। वर्ष 2017 में सरकार में 10 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा था। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति- 2022 के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिहाज से बहुत संभावनाएं हैं। पर्यटन के हिसाब से अविकसित क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। उन क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। ऐसी 22 नई चीजों को इसमें शामिल किया गया है जो पहले पर्यटन में शामिल नहीं थीं।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में 12 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था के संबंध में प्रस्ताव पारित हुआ है। न्याय विभाग के भी एक प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। उच्च न्यायालय में न्यायिक कार्यों के सुगम और सुचारू रूप से संचालन के लिए न्यायमूर्ति के सहायतार्थ सृजित 135 लॉ क्लर्क (ट्रेनी) के पदों के सापेक्ष कार्यरत लॉ क्लर्क (ट्रेनी) का कार्यकाल एक वर्ष के स्थान पर अधिकतम दो वर्ष किए जाने के संबंध में आए प्रस्ताव पर मुहर लगी है।

गृह विभाग (पुलिस) के भारत सरकार द्वारा प्रसारित मॉडल फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल, 2019 को अंगीकृत किए जाने के लिए ( उत्तर प्रदेश फायर एंड इमरजेंसी सर्विस अध्यादेश-2022) को प्रख्यापित कराए जाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुए। इसके तहत केन्द्र सरकार के 79 में से 54 बिंदुओं को यथावत स्वीकार किया गया है। शेष को स्थानीय स्तर पर आवश्यकता के अनुसार संक्षिप्त बदलाव के साथ स्वीकार किया गया है।

गृह विभाग के एक और प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगी है। रामपुर जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के अंतर्गत स्पॉट पुलिस कमांडो हब स्थापित करने के लिए नि:शुल्क भूमि आवंटित किए जाने से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। ऊर्जा विभाग अपनी जमीन गृह विभाग को देगा। सहारनपुर में एटीएस के स्पॉट कमांडो ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने के लिए सिंचाई विभाग की भूमि नि:शुल्क आवंटित की जाएगी।

हर मंडल में स्थापित होगा आईटी पार्क

उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी सेवा नीति 2023 निर्गत किए जाने के संबंध में प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गई है। अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि उप्र के हर क्षेत्र जैसे पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड, ब्रज क्षेत्रों में आईटी सिटी की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के सभी मंडलों में एक-एक आईटी पार्क की स्थापना की जाएगी। पहले केवल एनसीआर पर फोकस रहता था। अब पूरे प्रदेश में आईटी को विस्तार दिया जाएगा। राज्य में डेटा सेंटर स्थापित करने वाली कम्पनियों को छूट दी जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं, ट्रांसजेंडर, अनुसूचित जाति और जनजाति को नौकरी देने वाली कम्पनियों को सरकार की तरफ से विशेष छूट दिए जाने की इस नीति में व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।