आज से शुरू हो रहा है छठ पूजा का महापर्व

आज से देशभर में छठ मैया की पूजा और सूर्य उपासना का महापर्व शुरू हो रहा है। इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा भी की जाती है। छठ पूजा का पर्व आरोग्य, समृद्धि और संतान के लिए रखा जाता है। यह 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है। मान्यता है कि इस व्रत से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

-पहले दिन नहाय खाय से शुरुआत

नहाय खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। इस दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं इसके बाद सिर्फ एक समय का ही खाना खाया जाता है। इस बार नहाय खाय की शुरुआत आज 28 अक्टूबर से हो रही है।

-दूसरा दिन- खरना

छठ मैया की पूजा का दूसरा दिन ‘खरना’ कहलाता है. इस दिन विशेष भोग तैयार किया जाता है।इसके लिए शाम को मीठा भात (चावल) या लौकी की खिचड़ी खाई जाती है। वहीं इस महाव्रत का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के ठीक बाद शुरू हो जाता है। आपको बताते चलें कि इस साल 2022 में खरना 29 अक्टूबर को है।

-तीसरा दिन- अर्घ्य

छठ पूजा की एक-एक विधि और नियम कायदे का अपना अलग धार्मिक और पौराणिक महत्व है। इस महापूजा के तीसरे दिन की भी अपनी अलग महिमा है। पूजा के तीसरे दिन शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दौरान सभी व्रती श्रद्धालु अपनी-अपनी बांस की टोकरी में पूजा सामग्री के साथ फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू भी रखते हैं। इस दौरान पूरे अर्घ्य के सूप को भी सजाया जाता है।

-मनोकामना पूर्ति के लिए क्या करें?

संतान प्राप्ति- जो लोग संतान प्राप्ति करना चाहते हैं वो लोग छठ के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करें ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’. संतान की सुख समृद्धि के लिए इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य जरूर देना चाहिए। आर्थिक समस्या- जिन लोगों को किसी भी तरह की आर्थिक समस्या है वो छठी मैया के भजन और लोकगीतों को गुनगुनाने के साथ ही सूर्य देवता के इस विशेष मंत्र ‘ऊं घृणिः सूर्याय नमः’ का जाप करें तो श्रद्धालुओं को आर्थिक संकट से छुटकारा मिल सकता है।मान्यता है कि इस दिन गरीब लोगों में खाना बांटा जाए तो छठ माता हर मनोकामना पूरी करती हैं. इसके साथ ही पशु-पक्षियों को गेहूं के आटे और गुड़ से बने व्यंजन खिलाने की बात घर के बड़े-बुजुर्ग बताते आए हैं।