हमारी संस्कृति और दर्शन में जैन धर्म का अतिविशिष्ट स्थान: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी संस्कृति और दर्शन में जैन धर्म का अतिविशिष्ट स्थान है। उन्होंने जैन समाज से उत्तराखंड के विकास में योगदान देने का आग्रह किया।

रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के ग्राम वहलना में श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक मेला एवं रथयात्रा महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने श्री जैन दिगंबर मंदिर वहलना में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन देश में दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और दूसरे मां भारती के सच्चे सपूत व भारत रत्न से अलंकृत पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ। इन दोनों की जीवन यात्रा देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए सदैव प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने दोनों महान विभूतियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए उनके स्थापित किए आदर्शों को आत्मसात कर प्रण लेने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन धर्म में प्राणी मात्र के कल्याण की भावना निहित है। अहिंसा जैन धर्म का प्रमुख आधार है और जैन धर्म के अनुयायी के जीवन में अहिंसा को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जैन दर्शन के ही अनुरूप राष्ट्रपिता ने अहिंसा का एक ऐसा प्रायोगिक रूप प्रस्तुत किया जिससे पूरी दुनिया ने परतंत्रता के बंधन तोड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समाज का देश की आर्थिक गतिविधियों में बहुत बड़ा योगदान है। जैन समाज ने हमेशा अपनी सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं के माध्यम से समाज की उत्तम से उत्तम सेवा की है। पूरे देश को जैन समाज पर गर्व है।

उन्होंने जैन समाज के उद्यमियों को उत्तराखंड में भी अपनी निर्माण और व्यवसायिक इकाइयां स्थापित करने व प्रदेश के विकास में अपना योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार आपके ऐसे हर विचार को प्रोत्साहित करेगी और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।