देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जहां-तहां बस और विक्रम (शेयरिंग ऑटो) रोकने वालों की अब खैर नहीं. क्योंकि अब अगर ड्राइवर ने तय स्टॉपेज के अलावा कहीं और वाहन रोका तो उसका चालान किया जाएगा. यही नहीं, इस मामले में उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त हो सकता है. दून में बस और विक्रम के लिए 113 स्टॉपेज चिह्नित किए गए हैं. परिवहन विभाग की इस मुहिम से देहरादून को ट्रैफिक जाम से निजात मिलने की संभावना है
दरअसल देहरादून के चौक-चौराहों पर सिटी बस, ऑटो और विक्रम चालक जगह-जगह पर रोक कर सवारियों को अपने वाहन में बैठाते हैं. इससे अक्सर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है और शहरवासियों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ता है. आए दिन लगने वाले जाम की स्थिति से दूनवासियों को निजात दिलाने और शहर के यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए परिवहन विभाग की ओर से 113 स्थानों पर स्टॉपेज बनाए गए हैं. व्यावसायिक वाहन चालकों को चिह्नित किए गए 113 स्थानों पर ही यात्रियों को गाड़ी में बैठाने और उतारने के निर्देश दिए गए हैं. विभाग की तरफ से साइन बोर्ड भी लगवाए जा रहे हैं ताकि यात्रियों को इस बात की जानकारी मिल सके कि उन्हें वाहन कहां से मिलेगा
आरटीओ प्रवर्तन सुनील शर्मा ने बताया कि 113 निर्धारित स्टॉपेज पर यदि गाड़ियां नहीं रुकती हैं और नियमों के विरुद्ध चलती हैं, तो उन पर चालान की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उनके ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त किए जाएंगे.
देहरादून निवासी विनोद कुमार का कहना है कि ट्रैफिक जाम सिर्फ वाहनों के जहां-तहां रूकने से नहीं होता है, बल्कि सड़कों के गड्ढों से भी आने-जाने वाले लोगों को बहुत दिक्कत होती है. हालांकि, परिवहन विभाग की तरफ से बनाए गए स्टॉपेज की व्यवस्था से यह माना जा रहा है कि लोगों को कुछ हद तक यातायात जाम से राहत मिलेगी, लेकिन धरातल पर इस पर ठीक से काम हो, तभी कुछ हो सकता है.
परिवहन विभाग के इस फैसले का सिटी बस महासंघ ने स्वागत किया है, लेकिन सिटी बस महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने विक्रमों को स्टॉपेज देने पर आपत्ति जताई है. उन्होंने 27 मार्च, 2014 के हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इसके मुताबिक विक्रम-ऑटो जैसे वाहनों के लिए जगह-जगह फुटकर सवारियों को बैठाना मना है. वर्ष 2003 के सचिव के आदेश के मुताबिक भी विक्रम और ऑटो एक जगह से दूसरी जगह बुक कर के ही चलाए जा सकते हैं