देहरादून: मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा में तदर्थ भर्तियों को निरस्त करने संबंधी विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में सदन और सरकार एकजुट है।
मुख्यमंत्री धामी विधानसभा अध्यक्ष से भर्तियों की जांच करने का आग्रह किया था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूडी ने सरकार की मंशा के अनुसार इस पर उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर समयबद्ध तरीके से जांचके निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट में समिति ने संस्तुति की है कि 2016 में 150, वर्ष 2020 में 6 व वर्ष 2021 में 72 तदर्थ भर्तियों को निरस्त किया जाए। धामी ने कहा है कि सरकार राज्य के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी। उन्होंने युवाओं से पूरे उत्साह और परिश्रम से परिक्षाओं की तैयारी में जुट जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार सुशासन की दिशा में कृत संकल्पित होकर काम कर रही है। किसी भी प्रकार से कोई भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व अन्य भर्तियों में अनियमितता पाए जाने पर उन्हें पारदर्शिता से आयोजित करने के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित की। अब नए सिरे से पारदर्शिता के साथ परीक्षा प्रक्रिया गतिमान है। उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग ने प्रथम चरण की परिक्षाओ की तिथियों का कैलेण्डर भी जारी कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने अधिनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित अलग-अलग विभागों में समूह ग भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायत मिलते ही कठोर निर्णय लिए। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में संलिप्त 41 आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है वहीं 18 अभियुक्तों पर चार्जशीट हो चुकी है जबकि गैंगस्टर एक्ट के लिए 21 आरोपियों की जुडिशल रिमांड स्वीकृत हो चुकी है। वहीं वन दरोगा मामले में 03 सचिवालय रक्षक भर्ती में एक आरोपी की गिरफ़्तारी हो चुकी है।