देहरादून; एडीएम की अगुवाई में पहुंची पुलिस.प्रशासनिक टीम ने जैसे ही सीलिंग की कार्रवाई शुरू की। व्यापारियों के साथ ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने विरोध कर दिया। इस दौरान बिल्डिंग में रह रहे कई व्यापारियों ने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि उन्हें सुप्रीमकोर्ट के आदेश की आर्डर की कापी तक नहीं दिखाई जा रही है। आखिरकार दोपहर दो बजे के बाद प्रशासनिक टीम एक बार फिर हरकत में आई और विरोध के बीच सीलिंग की कार्रवाई करनी शुरू कर दी। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन हो चुका है। फिलहाल व्यापारियों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कुछ दिनों की मोहलत दी गई है ताकि वे स्वतरू बिल्डिंग को खाली कर दें।
देहरादून; एडीएम की अगुवाई में पहुंची पुलिस.प्रशासनिक टीम ने जैसे ही सीलिंग की कार्रवाई शुरू की। व्यापारियों के साथ ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने विरोध कर दिया। इस दौरान बिल्डिंग में रह रहे कई व्यापारियों ने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि उन्हें सुप्रीमकोर्ट के आदेश की आर्डर की कापी तक नहीं दिखाई जा रही है। आखिरकार दोपहर दो बजे के बाद प्रशासनिक टीम एक बार फिर हरकत में आई और विरोध के बीच सीलिंग की कार्रवाई करनी शुरू कर दी। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन हो चुका है। फिलहाल व्यापारियों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कुछ दिनों की मोहलत दी गई है ताकि वे स्वतरू बिल्डिंग को खाली कर दें।
देहरादून; एडीएम की अगुवाई में पहुंची पुलिस.प्रशासनिक टीम ने जैसे ही सीलिंग की कार्रवाई शुरू की। व्यापारियों के साथ ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने विरोध कर दिया। इस दौरान बिल्डिंग में रह रहे कई व्यापारियों ने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि उन्हें सुप्रीमकोर्ट के आदेश की आर्डर की कापी तक नहीं दिखाई जा रही है। आखिरकार दोपहर दो बजे के बाद प्रशासनिक टीम एक बार फिर हरकत में आई और विरोध के बीच सीलिंग की कार्रवाई करनी शुरू कर दी। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन हो चुका है। फिलहाल व्यापारियों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कुछ दिनों की मोहलत दी गई है ताकि वे स्वतरू बिल्डिंग को खाली कर दें।
मिली जानकारी के अनुसार, चकराता रोड कनॉट प्लेस स्थित एलआईसी बिल्डिंग को खाली करवाने को लेकर बुधवार को कई घंटे तक व्यापारियों और पुलिस-प्रशासन की टीम के बीच ड्रामा चला। एडीएम की अगुवाई में पहुंची पुलिस-प्रशासनिक टीम ने जैसे ही सीलिंग की कार्रवाई शुरू की, व्यापारियों के साथ ही बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने विरोध कर दिया। कई घंटे तक जारी विवाद के बीच टीम ने दो गोदाम, दो फ्लैट और दो दुकानों को सील कर दिया। इस दौरान भी व्यापारी विरोध करते रहे।
मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सीलिंग की कार्रवाई की। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत एडीएम डॉ. एसके बर्नवाल और मजिस्ट्रेट सोहन सिंह रांगड़ की अगुवाई में प्रशासनिक टीम जैसे ही एलआईसी बिल्डिंग पहुंची, मौके पर तमाम व्यापारी जमा हो गए। इससे पहले की प्रशासनिक टीम कार्रवाई शुरू करती, व्यापारियों ने विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने एलआईसी के अधिकारियों व कुछ व्यापारी नेताओं के साथ करीब एक घंटे बैठक की, लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। इस दौरान बिल्डिंग में रह रहे कई व्यापारियों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि उन्हें सुप्रीमकोर्ट के आदेश की आर्डर की कापी तक नहीं दिखाई जा रही है।
आखिरकार दोपहर दो बजे के बाद प्रशासनिक टीम एक बार फिर हरकत में आई और विरोध के बीच सीलिंग की कार्रवाई करनी शुरू कर दी। टीम ने चार गोदाम, दो फ्लैट और दो दुकानें सील कर दी, जबकि सीलिंग का व्यापारी लगातार विरोध करते रहे। सुप्रीमकोर्ट की ओर से एलआईसी बिल्डिंग को खाली कराने को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, एलआईसी के अधिवक्ता श्याम वर्मा ने बताया कि एलआईसी बिल्डिंग में कुल 72 दुकानें हैं, जिन्हें फिलहाल खाली कराया जाना है। कुछ समय पहले 15 दुकानें खाली करवाई जा चुकी हैं। बताया कि दुकानदारों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में दुकानों को लेकर मुकदमा चल रहा था, लेकिन कुछ समय पहले अदालत ने दुकानें खाली करवाने का आदेश जारी किया था। अदालत के आदेशों के अनुरूप दुकानें खाली करवाई जा रही हैं।
महिलाओं, बुजुर्गों ने भी किया टीम का विरोध
एलआईसी बिल्डिंग को खाली करवाने को लेकर पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई का न सिर्फ व्यापारियों ने, बल्कि बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने भी विरोध किया। इस दौरान कई महिलाओं के साथ बुजुर्ग भी प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध करते नजर आए। महिलाओं और बुजुर्गों ने कहा कि वे इस बिल्डिंग में दशकों से रह रहे हैं और अब उन्हें बिल्डिंग से बाहर निकाला जा रहा है। भला यह कहां का न्याय है। इस दौरान एक महिला फूट-फूट कर रो पड़ी और कहा कि उसके बेटे-बेटियों ने पहले ही उसे बेसहारा छोड़ दिया और यदि उसे बिल्डिंग से बाहर निकाला जाता है, तो उसके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं होगा।
अधिवक्ता बोले, एक गोदाम खाली कराने का आदेश
उधर, एलआईसी के अधिवक्ता का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट ने सभी दुकानों को खाली कराने का आदेश दिया है, जबकि व्यापारियों के अधिवक्ता देवेंद्र सिंह का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट की ओर से एक गोदाम को खाली कराने का आदेश दिया गया है और उस गोदाम को सील कर दिया गया है। ऐसे में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन हो चुका है।
फिलहाल व्यापारियों और बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को कुछ दिनों की मोहलत दी गई है, ताकि वे स्वत: बिल्डिंग को खाली कर दें। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो पुलिस प्रशासन की मदद से बिल्डिंग को खाली करवाया जाएगा।
– डॉ. एसके बर्नवाल, एडीएम प्रशासन